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टेक्नोलॉजी

अनलिमिटेड Jio 5G DATA बिलकुल फ्री में Jio यूजर के लिए, जाने कैसे ले सकते है आप इसका फायदा ?

28/01/2023 by kaisehoga Leave a Comment

 

जैसे Jio ने लॉन्च होने के बाद वेल्कम ऑफर में अनलिमिटेड 4G इन्टरनेट बिल्कुल फ्री में दिया था, वैसे ही Jio 5G लॉन्च हो चुका है। Jio 5G की तरफ से वेल्कम ऑफर में अनलिमिटेड हाइ स्पीड 5जी इंटरनेट बिल्कुल फ्री में दिया जा रहा है। सो, इस पोस्ट में आपको बताने वाला हूँ की आप कैसे चेक करेंगे की आपको अनलिमिटेड Jio 5G DATA ऑफर मिला है या नहीं। और इसको आप ऐक्टिवेट कैसे करेंगे?

जाने Jio 5G अनलिमिटेड Data मिला है या नहीं ?

  • 5G वेलकम ऑफर चेक करने के लिए और उसको ऐक्टिवेट करने के लिए आपको माइ Jio ऐप इन्स्टॉल कर लेना है।
  • आप यहाँ से माइ Jio ऐप इनस्टॉल कर सकते है :- MyJio: For Everything Jio – Apps on Google Play

jio 5g

 

  • इसमें आप अपना मोबाइल नंबर डालकर लॉग इन करेंगे।
  • इसमें लॉगिन करते ही आपको होमपेज पर मिल जाएगा। कांग्रचुलेशन आप Jio 5G वेल्कम ऑफर के लिए अपग्रेड कर दिए गए हैं।
  • इस तरह से आपको ऑफर मिल जायेगा।

    jio 5g
    jio 5g

 

  • इसमें आप गेट स्टार्टेड पर क्लिक करेंगे।

Jio 5G कैसे Activate करे?

  • इस को ऐक्टिवेट करने के लिए अगर आपके मोबाइल फ़ोन में लेटेस्ट 5जी सॉफ्टवेयर नहीं है। तो अपडेट करने का ऑप्शन आ जायेगा।
  • आप Update Now पर क्लिक करके इसको अपडेट करेंगे।

    jio 5g
    jio 5g

 

  • इसके बाद आपको मोबाइल नेटवर्क में 5जी को इनेबल करना होगा।
  • इसमें आप नेटवर्क टाइप पर क्लिक करेंगे।
  • इसमें आपको 5जी वाला ऑप्शन सेलेक्ट कर देना है।

अब आप देख सकते हैं 5जी मोबाइल फ़ोन पर ऐक्टिवेट हो चुका है। इसमें आप देख सकते हैं हमें अनलिमिटेड 5जी data मिला है। यानी हम जितना चाहे 5जी डेटा यूज़ कर सकते हैं।

अगर बात करें इस स्पीड की तो आप देख सकते हैं जियो 5जी नेटवर्क पर हमें कितनी स्पीड मिल रही है जैसे की इसमें मुझे अभी 670 MB  पर सेकंड की स्पीड मिल रही है।

हालांकि आइफोन पर मुझे इससे ज्यादा स्पीड मिल रही है। आइ फ़ोन पर मैंने चेक किया तो उस पर 910 बी पर सेकंड की स्पीड मिल रही है। ये सुपर फास्ट इंटरनेट है। इस पर आप HD क्वालिटी, विडिओ कॉल्स, विडीओ स्ट्रीमिंग और हाई डेफिनेशन गेम प्ले कर सकते हैं।

5जी इंटरनेट यूज़ करने के लिए दो कंडिशन्स है पहली कंडीशन आपके एरिया में 5जी नेटवर्क होना चाहिए और दूसरी कंडीशन आपके पास जो मोबाइल फ़ोन है वो 5जी कम्पैटिबल होना चाहिए।

तो इस तरह से आप Jio 5G वेलकम ऑफर चेक कर सकते हैं और उसको ऐक्टिवेट कर सकते हैं।उम्मीद है ये जानकारी आपको काफी पसंद आया होगा। अगर आपको जानकारी पसंद आई है तो लाइक करिये अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करिए और अगर आपके मन में कोई कन्फ्यूजन है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

Filed Under: कैसे करे, टेक्नोलॉजी, टेक्नोलॉजी Tagged With: 5g, 5g data, free 5g data, jio, jio 5g, reliance jio, unlimited 5g data

E-Wallet से जुड़े Paytm, Phonepe, Google Pay में बड़ा बदलाव!

25/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

देश डिजिटलाइजेशन की तरफ तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है, 2020 में कोरोना महामारी के आने के बाद से ही लोगों ने इससे बचने के लिए भी कैश की वजय डिजिटल पेमेंट का रुख किया। इससे पेमेंट के लिए देश में कई एप्स का इस्तेमाल बढ़ गया जिसमें Paytm, Phonepe, Google Pay शामिल है। डिजिटल पेमेंट्स में बढ़ोतरी के साथ ही सरकार भी समय-समय पर लोगों की सुरक्षा और सहूलियत के लिए इनके नियमों में बदलाव करती रहती है। अभी ऐसा ही एक सर्कुलर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने जारी किया है जिसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए Paytm, Phonepe, Google Pay और Mobikwik जैसे सभी लाइसेंस प्राप्त Prepaid Payment Instruments यानी PPI को इंटरऑपरेबल बनाना होगा।

इन सभी कंपनियों को ग्राहकों को एक E-Wallet से दूसरे कंपनी के E-Wallet में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देनी होगी। इसका मतलब यह होगा कि साल 2022 तक E-Wallet की सुविधा देने वाली Paytm, Phonepe, Google Pay और Mobikwik जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों को एक कंपनी के E-Wallet से दूसरे कंपनी के E-Wallet में बिना किसी झंझट के पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देगी। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने कंपनियों से जरूरी तकनीकी बदलाव करने के लिए कहा है। साथ ही RBI का कहना है कि E-Wallet कंपनियां यूपीआई के जरिए भी इंटरऑपरेबलिटी की सुविधा दे सकती हैं।

वही कार्ड बेस्ड PPI जैसे Itz Cash, Sodexo कार्ड नेटवर्क जैसे इंटर इंटरऑपरेबलिटी के माध्यम से इसे पूरा कर सकते हैं इसके साथ ही गिफ्ट PPI जारी करने वाली कंपनियों के लिए RBI ने इंटरऑपरेबलिटी ऑप्शनल रखा है। जबकि रिजर्व बैंक ने इंटरऑपरेबलिटी के नियम से Mass transit system में इस्तेमाल होने वाले PPI-MTS को छूट दी है।

बता दें कि PPI-MTS में बसों में इस्तेमाल होने वाले कार्ड और मेट्रो में इस्तेमाल होने वाले कार्ड आते हैं। हालांकि देश में कुछ PPI-MTS पहले से ही इंटरऑपरेबलिटी की सुविधा देते हैं जैसे कि दिल्ली मेट्रो का मेट्रो कार्ड गुरुग्राम के रैपिड मेट्रो में भी काम करता है।

अब आपको बताते हैं कि कौन से ग्राहक इस सिस्टम का फायदा उठाने के लायक होंगे

  • पीपीआई में इंटरऑपरेबलिटी की सुविधा सिर्फ वही ग्राहक उठा पाएंगे जो सभी KYC नियमों का पालन करेंगे
  • यानी कि अगर आपका KYC पूरा हो रखा है तभी आप इस सुविधा का फायदा उठाने योग्य होंगे।
  • वही जो कंपनी इंटरऑपरेबलिटी को शुरू करेगी उन्हें इससे जुड़ी शिकायतों के लिए भी एक प्रोसेस बनाना होगा
  • शिकायतें लोकपाल नियमों के दायरे में आएगी।

बता दें कि अभी तक देश में ग्राहक किसी एक ऐप से दूसरे ऐप यानी की अगर आपके पैसे PayTM के E-Wallet में है तो आप उसे PhonePe या किसी और दूसरे ऐप में पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकते। लेकिन आने वाले समय में यह मुमकिन होगा जिसके बाद ग्राहक को डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी।

ये भी पढ़े:-

  • 5G की जंग एयरटेल ने जीती
  • Google का ये फीचर देगा iPhone को टक्कर !
  • Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी

आपको ये खबर कैसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बताये और ऐसे ही दूसरे खबरों को पढ़ने के लिए हमारे पेज को विजिट करे kaisehoga.in

Filed Under: खबरें, टेक्नोलॉजी Tagged With: E-Wallet, Google Pay, PayTM, Phonepe

Data Kya Hota Hai? और इसकी जरुरत क्यों पड़ती है?

15/04/2021 by kaisehoga Leave a Comment

Data चाहे किसी भी तरह का हो Data की जरूरत सबको होती है खास बात यह है कि हर बिजनेस के हिसाब से Data उपलब्ध भी होता है। लेकिन सवाल यह है कि Data Kya Hota Hai? और इसकी जरुरत क्यों पड़ती है? किसी भी बिजनेस के लिए यह इतना इंपॉर्टेंट क्यों होता है इस सवाल का जवाब आपको इस पोस्ट में जरूर मिलेगा इसलिए आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें और Data से जरूर सारी बातें जान ले।

Data Kya Hota Hai?
Data Kya Hota Hai?

सबसे पहले बात कर लेते हैं कि Data Kya Hota Hai? सामान्य रूप से देखें तो Data कैरेक्टर्स का एक ऐसा सेट है जो किसी मकसद के लिए कलेक्ट और ट्रांसलेट किया जाता है। Data को कलेक्ट करने के का मेन रीजन एनालिसिस करना होता है। Data में कोई भी कैरेक्टर Text Number, Picture, Sound और Video शामिल हो सकते हैं। जहा तक कंप्यूटर Data की बात करें तो यह Data ऐसी इंफॉर्मेशन होती है जो कंप्यूटर के द्वारा प्रोसेस और स्टोर की जाती है।

  • यह Text और Document के फॉर्म में भी हो सकता है
  • और  Imeges, ऑडियो क्लिप्स, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या किसी भी और रूप में हो सकता है।
  • इस Data को सीपीयू के द्वारा प्रोसेस किया जाता है
  • और कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में फाइल और फोल्डर के रूप में स्टोर किया जाता है।
  • कंप्यूटर स्टोरेज में Data बाइनरी डिजिट में रहता है यानी 1 और जीरो के फॉर्म में।
  • Data वर्ड लेटिन वर्ड से आया है और इसका अर्थ होता है “Something Given”
  • Data एक Pleural वर्ड है और Singular फॉर्म DATUM होती है।
  • लेकिन अभी ये Data वर्ड इतना चलन में आ गया है कि Singular वर्ड के लिए यूज के लिए भी Data वर्ड ही इस्तेमाल किया जाता है।

तो कंप्यूटर में Data इनपुट होने से पहले Raw होता है और जब यह Raw Data को कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है तब यह Data प्रोसेस होता है तो इस तरह से Raw Data से प्रोसेस Data जब तैयार हो जाता है तब उसे इंफॉर्मेशन कहा जाता है। Data को कंप्यूटर में स्टोर करने के लिए हार्ड डिस्क का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा दूसरे स्टोरेज डिवाइस का यूज़ भी किया जाता है।’

ये भी पढ़े :- KYC क्या होती है?

Crypto Currency क्या है? और ये कैसे काम करता है?

इंफॉर्मेशन क्लासिफाइड और और ऑर्गेनाइजड डाटा होती है जिसकी  Reciever के लिए कोई वैल्यू होती है। प्रोसेस Data यानी इंफॉर्मेशन इतनी यूज़फुल हो कि उसके बेस पर डिसीजन और एक्शन लिया जा सके। इसके लिए प्रोसेस्ड Data में यह क्वालिटी होनी बहुत जरूरी है। टाइमली यानी जब इंफॉर्मेशन की जरूरत हो तो वो उपलब्ध हो सके। एक्यूरेसी यानी इंफॉर्मेशन बिलकुल एक्यूरेट हो। कंप्लीट यानी की इंफॉर्मेशन कंप्लीट हो।

Data के प्रकार :-

  1. Text Data इसमें अल्फाबेट्स आते हैं A to Z
  2. Number Data इसमें नंबर आते हैं 0 to 9
  3. Alphanumeric Data इसमें चिन्ह आते हैं जो किसी KeyBoard पर होते हैं जैसे कि @#$%&*! आदि 
  4. Image Data इसमें JPEG  JPG PNG फॉरमैट में तैयार की गई Images आती है
  5. Audio या Video Data इसमें बात करें तो MP3 MP4 और HD जैसे बहुत सारे फॉर्मेंट्स में Data रहता है।

आइए जानते हैं Data प्रोसेस क्या होती है? और Data प्रोसेसिंग साइट में के लिए कैसे काम करता है?

Data प्रोसेसिंग का मतलब लोगों या मशीन के द्वारा Data को ज्यादा यूज़फुल बनाने और किसी खास मकसद के लिए उपयोगी बनाने के लिए फिर से तैयार करना या एक सिस्टमैटिक ऑर्डर में जमाना होता है। Data प्रोसेसिंग 3 स्टेप्स में होती है। यानी इन तीनों स्टेप से मिलकर के Data साइकल पूरा होता है।

  • इनपुट :-

  1. इस स्टेप में Data को कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है।
  2. Data इनपुट करने से पहले उसे कलेक्ट किया जाता है।
  3. वेरीफाई किया जाता है और उसके बाद कंप्यूटर में इनपुट कर दिया जाता है।
  4. यह Data कंप्यूटर में बायनरी फॉर्म जाने की जीरो वन में स्टोर रहता है।
  • प्रोसेसिंग :-

  1. इसमें इनपुट Data को ज्यादा यूज फूल बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है।
  2. Data प्रोसेसिंग का काम सीपीयू करता है।
  • आउटपुट :-

  1. इस स्टेप में प्रोसेस Data इनफार्मेशन के रूप में प्राप्त होता है।
  2. इस आउटपुट स्टेप से इनपुट Data की तुलना में ज्यादा यूजफुल Data प्राप्त होता है
  3. जिसे हार्ड डिस्क में स्टोर किया जा सकता है और कभी भी वापस पढ़ा जा सकता है

Data प्रोसेसिंग की जरूरत क्यों पड़ती है?

आज के टाइम में सारा काम कंप्यूटर से होता है। ऐसे में एकेडमिक इंस्टीट्यूशनल या कमर्शल यूज के लिए प्राइवेट और पर्सनल यूज़ के लिए और साइंटिफिक रिसर्च के लिए ज्यादा से ज्यादा Data कलेक्ट किया जाता है। इस कलेक्टेड Data को स्टोर करना और Short और फिल्टर करना और उसको एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है ताकि जरूरत के अनुसार इसका बेहतर यूज किया जा सके। इसलिए Data प्रोसेसिंग बहुत ज्यादा जरूरी होता है और यह प्रोसेस सिंपल होगा या  कंपलेक्स यह इस बात पर डिपेंड करता है कि किस स्केल पर Data कलेक्शन किया गया है और उससे किस प्रकार का रिजल्ट एक्सपेक्ट किया जाता है

Data मैनेजमेंट क्यों जरूरी होता है?

किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में के लिए उसका Data वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट पार्ट होता है। क्योंकि डाटा से ही इंफॉर्मेशन बनती है जो बिजनेस से जुड़े डिसीजन का आधार होती है। अगर Data एक्यूरेट, कंप्लीट और ओर्गनाइजड होता है तो यह Data उस ऑर्गेनाइजेशन की ग्रोथ में कॉन्ट्रिब्यूशन देता है। आजकल किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में डाटा कलेक्शन इतने बड़े स्तर पर होता है कि उसे मैनुअली प्रोसेस नहीं किया जा सकता। इसलिए हर कंपनी को एक स्ट्रांग Data मैनेजमेंट की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा Data मैनेजमेंट से होने वाले अगर बेनिफिट्स के बात की जाए तो कंपनी की –

  • प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
  • सिक्योरिटी रिस्क कम होता है
  • ऑपरेशन आसानी से कंप्लीट हो जाता है।
  • Data खोने के चांसेस बहुत कम रह जाते हैं
  • कंपनी के फायदे से जुड़े डिसीजन लेना काफी आसान हो जाता है।

इसके अलावा Data का रेलीवेंट होना भी हर कंपनी और ऑर्गेनाइजेशन के लिए जरूरी होता है तभी कस्टमर्स के साथ बेहतर रिलेशन बन पाते हैं और कंपनी के बेनिफिट्स के लिए स्ट्रांग स्ट्रेजी बनाई जा सकती है।

अब आप समझ गए होंगे की Data Kya Hota Hai? और इसकी जरुरत क्यों पड़ती है? अगर आपका कोई और सुझाव हो तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर के हमें शेयर करें और साथ ही साथ आगे किस बारे में आप जाना चाहते हैं वो भी कमेंट में भेजसकते है। हम आपको उस चीज के बारे में बताने में पूरी कोशिश करेंगे। धन्यवाद!

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Google का ये फीचर देगा iPhone को टक्कर !

19/02/2021 by kaisehoga Leave a Comment

डिजिटल दुनिया के इस दौर में डाटा के प्राइवेसी और सेफ्टी सबसे जरूरी हो गई है। ऐसे में कई एप्स बिना आपको पता चले बहुत सी जानकारियां हासिल कर लेते है। इसलिए अब बड़ी टेक कंपनियां अपने ऐप्स में लोगों की प्राइवेसी का खास ख्याल रख रही है।

Google का ये फीचर देगा iPhone को टक्कर !
Google का ये फीचर देगा iPhone को टक्कर !

इस कड़ी में टेक कंपनी Google ने अपने फोन के लिए एक खास फीचर तैयार किया है। इस फीचर के जरिए यूजर अपने स्मार्टफोन के जरिए दूसरे स्मार्टफोन पर ऐप्स को भेज सकते हैं। इसके लिए आपको अब किसी थर्ड पार्टी एप्स को इंस्टॉल करने की कोई जरूरत नहीं होगी। गूगल के इस फीचर का नाम है Nearby Share यह ठीक एप्पल के एयरड्राप की तरह काम करता है। इसके लिए आपके स्मार्टफोन में गूगल प्ले स्टोर का वर्जन 24.0 या उससे नया होना वर्जन होना जरूरी है। Google का ये फीचर देगा iPhone को टक्कर !

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Nearby Share के जरिए आप एप्स फाइल्स, वीडियोस और लिंक भी शेयर कर सकते हैं। बता दे की ये एक इनबिल्ट फीचर है। इसके लिए आपको किसी ऐप को डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। यह किसी एक ब्रांड के स्मार्टफोन पर नहीं बल्कि सभी एंड्रॉयड डिवाइस पर काम करेगा। इस फीचर को गूगल ने दिसंबर में ऑफिसियली अनाउंस किया था। लेकिन अब इस फीचर का इस्तेमाल आप अपने मोबाइल पर कर सकते हैं।

अब आपको हम बताते हैं कि आप Nearby Share कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर ओपन करके इसके टॉप कॉर्नर पर मौजूद तीन लाइन मेन्यू पर क्लिक करेंगे।
  2. इसके बाद My Apps और Games ऑप्शन पर जाऐ
  3. आपको एक शेयर का ऑप्शन दिखाई देगा शेयर टैब पर जाने के बाद आपके पास सेंड और रिसीव का ऑप्शन होगा।
  4. अगर आप किसी ऐप को सेंड करना चाहते हैं तो सेंड पर क्लिक करेंगे इसके साथ ही जिस एंड्रॉयड डिवाइस में आप एप्स भेजना चाहते हैं उस डिवाइस में रिसीव ऑप्शन पर क्लिक करें।
  5. इसके बाद दोनों डिवाइसेज को प्ले स्टोर को लोकेशन का एक्सेस देना होगा।
  6. सेंड का ऑप्शन सेलेक्ट करने पर आपके सामने उस एप्स की लिस्ट सामने होगी जिसको आप भेजना चाहते हैं सेलेक्ट करके आप सेंड पर क्लिक करें।
  7. दोनों स्मार्टफोन को एक पेयरिंग कोड के जरिए आपस में कनेक्ट करना होगा।
  8. इसके बाद एप्स सेंडिंग पूरी हो जाएगी।
  9. जब एप्स शेयर हो जाए तो रिसीव करने वाले फोन में इंस्टॉल का ऑप्शन दिखेगा।
  10. आप एक बार में आप एक से ज्यादा एप्स भी शेयर कर सकते हैं।
  11. प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्मार्टफोन को डिस्कनेक्ट कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया में गूगल ने प्राइवेसी पर जोर दिया है। जब भी आप किसी डिवाइस के साथ फाइल शेयर करेंगे तो सैंडर और रिसीवर दोनों की जानकारी पूरी तरह इंक्रिप्टेड होगी। इसके अलावा अगर आप चाहे तो एक सीमित रेंज में मौजूद सभी डिवाइसेज को दिखाई दे सकते हैं या खुद को हाइड भी कर सकते हैं तो अब बिना किसी एप्प के ही अपने फोन में ही शेयरिंग का लुफ्त उठाएं।

आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताये और अगर ये जानकारी सही लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी इसे साझा करे।

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साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका

01/02/2021 by kaisehoga Leave a Comment

इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा तो बन गया है लेकिन इसके साथ ही हमारी प्राइवेसी पर भी खतरा बढ़ गया है। आए दिन कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें यूजर्स के डाटा को हैक कर लिया जाता है। अगर यूजर्स का डाटा हैकर्स के हाथ लग जाए तो इसके जरिए यूजर्स को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। आज हम आपको साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका बता रहे है

साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका
साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका

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इसमें बैंक खाते से पैसों की छोरी के साथ सोशल मीडिया अकाउंट के हैक होने का भी खतरा बना रहता है। बेहद आसान शब्दों में कहें तो हैकिंग का मतलब होता है कि आपकी अनुमति के बिना आपके पर्सनल डाटा की चोरी करना। और इस गैरकानूनी काम को अंजाम देने वाले हैकर्स कहलाते हैं जो दूर बैठे बैठे ही आपके कंप्यूटर वेबसाइट या सोशल मीडिया प्रोफाइल को हैक कर सकते हैं।


हैकिंग अच्छी भी हो सकती है और बुरी भी यानी जो हैकिंग आप की सुरक्षा में घात लगा सकती है वही आपकी सुरक्षा को मजबूत करने में इस्तेमाल होती है।

हैकर्स को भी तीन कैटेगरी में बांटा जाता है।

  • ब्लैक हैट हैकर
  • व्हाइट हैट हैकर्स और
  • ग्रे हैट हैकर्स

    साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका
    साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका

चलिए हम आपको इन तीनों के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

             1. ब्लैक हैट हैकर।

ऐसे हैं कर्ज गलत इरादों से किसी के कंप्यूटर वेबसाइट या सोशल मीडिया प्रोफाइल को हैक करते हैं। ब्लैक हैट हैकर चोरी किए गए डाटा का गलत इस्तेमाल करके संबंधित शख्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह की हैकिंग में हैकर डाटा को चोरी करके फिरौती मांग सकते हैं या फिर डेटा को कॉपी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

             2. ग्रे हैट हैकर।

ऐसे हैकर जिनका इरादा भले ही गलत ना हो लेकिन यह आपके अनुमति के बिना ही आपके कंप्यूटर और प्रोफाइल को हैक करते हैं। इसीलिए इन्हें ग्रे हैट हैकर कहते हैं ऐसा करने के पीछे उनका मकसद प्रैक्टिस करना होता है ताकि वह जान सके कि किसी सिस्टम को हैक करना उन्हें आ गया है या नहीं, लेकिन इस तरीके को लीगल नहीं माना गया है। इसीलिए ग्रे हैकिंग को भी लीगल नहीं माना जाता।

              3. व्हाइट हैट हैकर।

व्हाइट हैट हैकर को एथिकल हैकर भी कहा जाता है क्योंकि ऐसे है कर्ज को हैकिंग करने से पहले बकायदा परमिशन लेते हैं और बहुत से जरूरी विभागों में बतौर एथिकल हैकर नौकरी का करते हैं। ऐसे है कर्ज पुलिस, सीबीआई और आईबी के अलावा आईटी कंपनियों में काम करते हैं। यह लोग सिक्योरिटी को बनाए रखने में उस संस्था के मदद करते हैं।

चलिए यह तो हमने है कर्ज के ऊपर पूरी जानकारी दी। अब यह जानना भी जरूरी है कि साइबर फ्रॉड या फ्रॉड होने से खुद को या अपने गैजेट्स को कैसे बचाया जा सकता है।

  1. किसी को अपना ओटीपी या पासवर्ड बिल्कुल ना बताएं।
  2. अपने किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का पासवर्ड स्ट्रांग रखें।
  3. पासवर्ड में स्पेशल करैक्टर जैसे $ @ # , !  है।
  4. छोटे और बड़े कैरेक्टर का प्रयोग करें और साथ ही नंबर का भी प्रयोग करें।
  5. न्यूनतम 10-character का पासवर्ड जरूर रखें।
  6. सभी प्लेटफार्म पर पासवर्ड अलग रखें और उन्हें अपने मोबाइल में या क्लाउड पर किसी सिंगल फाइल में सेव कभी ना करें।
  7. अगर आपके पास किसी भी प्रकार का अनजान मेल आए तो 2 एड्रेस जरूर वेरीफाई करें।
  8. ऑफर डिस्काउंट या स्कीम को ओपन करने से पहले उनका यूआरएल चेक चेक करें।
  9. कि किसी दूसरे का मोबाइल या लैपटॉप में यूज़ करते वक्त इनकॉग्निटो विंडो में इंटरनेट का इस्तेमाल करें।और इस्तेमाल होने के बाद लॉग आउट करें।
  10. इसके अलावा विंडो को बंद करना ना भूले
  11. अपने लैपटॉप में भी बैंकिंग और शॉपिंग से जुड़े वेबसाइट को इनकॉग्निटो विंडो में ही ओपन करें।
  12. किसी भी फाइनेंसियल या उससे जुड़ी वेबसाइट का पासवर्ड ब्राउज़र में सेव ना करें।
  13. ऐसी छोटी-छोटी मगर बेहद महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें, जिससे आप संगठन की ओर है। कैसे बच सकते हैं?

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Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी

30/01/2021 by kaisehoga 1 Comment

Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के बाद कई उधर इस प्लेटफार्म को अलविदा कह चुके हैं। लेकिन इस बीच कई ऐसे लोग भी है जिनको अपने चैट्स खोने का डर था ऐसे में अब वह सभी यूजर्स अपने पुराने चैट्स को व्हाट्सप्प से टेलीग्राम पर मूव कर सकते हैं।

टेलीग्राम ने एक नया फीचर रोलआउट किया है जो एंड्रॉयड पर उपलब्ध है इस फीचर की मदद से यूजर अपनी चैट्स और मल्टीमीडिया फाइल्स को आसानी से व्हाट्सप्प से टेलीग्राम पर मूव कर सकते हैं।

जी हां, अगर आप पूरी तरह से व्हाट्सएप को छोड़ना चाहते हैं लेकिन कुछ जरूरी चैट्स और मल्टीमीडिया के कारण आप वहां अटके हुए हैं तो यह फीचर आपके लिए है और आपको यह मददगार साबित होगा। इसके जरिए आप उन चैट को व्हाट्सप्प से टेलीग्राम पर ट्रांसफर करके व्हाट्सएप को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते हैं।


ये भी जाने :- 5G की जंग एयरटेल ने जीती

टेलीग्राम पर शिफ्ट होने वाली जितने भी यूजर  है फिलहाल उनके चैट बॉक्स अभी पूरी तरह खाली है। ऐसे में ये फीचर्स अब उनके काम का है। यूजर्स अब आसानी से व्हाट्सएप से अपने चैट्स एक्सपोर्ट कर सकते हैं टेलीग्राम इस फीचर को लाइन एप को भी दे रहा है।

  • अगर आप एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले व्हाट्सएप चैट को ओपन करना होगा
  • और 3 dot वाले लाइन पर क्लिक करना होगा

    Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी
    Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी
  • और उसके बाद एक्सपोर्ट चैट पर क्लिक करना होगा

    Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी
    Telegram ने की WhatsApp को भगाने की तैयारी
  • और शेयर मेन्यू  में टेलीग्राम को चुनना होगा

लेकिन अपनी चैट व्हाट्सप्प से टेलीग्राम पर मूव करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

  • आपको हर एक चैट को एक एक करके इंपोर्ट करना होगा
  • यह ग्रुप मैसेज के लिए भी ऐसे ही काम करेगा
  • जो मैसेज इंपोर्ट होंगे उन पर उसी दिन की तारीख होगी।
  • इसका मतलब यह हुआ कि आपको अब गलत समय के लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं होगी आप टेलीग्राम पर सभी मेंबर के चैट देख पाएंगे

अब रही बात आपके स्पेस कि तो अगर आप व्हाट्सएप के ट्रांसफर करने से पहले इस बात से परेशान है कि कोई  एक्स्ट्रा एक्सप्रेस लेगा तो आपको बता दें कि टेलीग्राम के पास आपकी इस चिंता का भी सॉल्यूशन है। दरअसल जिस तरह मैसेजिंग एप स्टोर डाटा आपके डिवाइस में जगह घेरता है। टेलीग्राम इस तरह का कोई भी स्पेस नहीं लेता है।

टेलीग्राम ने साथ ही पुरानी फीचर्स को भी सुधार है। इसमे –

  • वॉइस चैट,
  • ऑडियो प्लेयर
  • और स्पीकर को भी सुधारा गया है।

इसके साथ डिजिटल फुटप्रिंट कंट्रोल का अधिकार, फेक चैनल की शिकायत की सुविधा भी यह प्लेटफार्म आपको देता है।

आपको बता दें कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आने के बाद कई लोग व्हाट्सएप छोड़कर दूसरे चैट ऐप की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे में टेलीग्राम और सिगनल ऐप को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।

Filed Under: कैसे करे, टेक्नोलॉजी Tagged With: Telegram, WhatsApp, सिगनल

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