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MSP का Full Form क्या होता है ?

05/08/2021 by kaisehoga Leave a Comment

हम लोग जानते ही हैं हमारे भारत देश में किसान का कितना महत्व है क्योंकि वह हमारे भरण-पोषण के लिए बहुत परिश्रम करते हैं और इसी परिश्रम से उनको उनकी आय प्राप्त होती है जिसे हम (MSP) एमएसपी के नाम से जानते हैं। तो चलिए दोस्तों आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से MSP से जुड़ी सभी जानकारी जैसे कि MSP क्या होता है? | MSP Full Form क्या है? | MSP कैसे तैयार किया जाता है | MSP तैयार करने में क्या समस्या आती है | MSP से किसानों को क्या फायदा है| MSP को लेकर किसान आंदोलन क्यों कर रहा है ये सभी जानकारी देने जा रहे है

MSP क्या होता है?

 

MSP Full Form
MSP Full Form

Minimum Support Price ( MSP ) जिसे हिंदी न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है जो गारंटीड मूल्य के रूप में किसानों को उनकी फसल के लिए भारत सरकार द्वारा में दिया जाता है ताकि किसान अपनी फसल को सही मूल्य पर बेच सकें। MSP के माध्यम से किसानों की फसलों की कीमत में गिरावट आने पर भी उनकी आय में स्थिरता बानी रहती है। बाजार मेंअनाज या फसलो की कीमत में कमी या तेज़ी के कारण किसानो को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े इसीलिए सरकार किसानों की फसलों पर MSP  यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है।

 

इससे किसानों को बहुत राहत मिलती है क्योंकि बाजार में फसलों की कीमत में चल रहे उतार-चढ़ाव को लेकर किसान काफी समस्या में रहते हैं। इसीलिए किसान द्वारा MSP की मांग ज्यादा होती है। फसलों के उत्पाद पर MSP किसान को फसल के न्यूनतम लाभ के लिए सुरक्षा प्रदान करती है |

MSP का उद्देश्य क्या है?

MSP Full Form
MSP Full Form

किसानों को बिचौलियों के शोषण से उनकी उपज का एक सही मूल्य किसानो को प्रदान करना MSP का मुख्य उद्देश्य है। यदि किसी फसल के ज्यादा उत्पादन होने या बाजार में उसकी मांग काम होने के कारण उसकी कीमत MSP द्वारा घोषित मूल्य से कम होती है तो किसानों की फसलों को सरकार द्वारा MSP यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद लिया जाता है इससे किसानों को संतुस्ती होती है की हमारी फसल का हमे कम से कम MSP द्वारा घोषित मूल्य जरूर मिलेगा और इससे उनको एक निर्धारित आय प्राप्त हो जाती हैं। MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके श्रम के हिसाब से एक निर्धारित आय प्रदान करना होता है जिससे वह आसानी से अपना पेट पाल सके और आगे खेती करने या फसल उपजाने के लिए मेहनत कर सके

 

MSP कौन तय करता है?

  • कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ( CACP ) नामक संस्था न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है
  • इस संस्था की शुरुआत 1965 में हुई थी
  • ये  संस्था कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आती है
  • पहले इस संस्था का नाम कृषि मूल्य आयोग था जिसे 1985 में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग कर दिया गया
  •  CACP आर्थिक मामलों के बारे में कैबिनेट समिति और भारत सरकार को अपने आंकड़े बताती है
  • और इनसे इजाजत मिलने पर अलग-अलग फसलो के MSP तय करती है।

    MSP Full Form
    MSP Full Form

MSP निर्धारित क्यों किया जाता है?

Minimum Support Price ( MSP ) को निर्धारित करने का मुख्य कारण ये है कि मान लो की किसी वर्ष फसलों का उत्पादन ज्यादा होता है तो फसलों की कीमतों में कमी आने लगेगी और उसकी वजह से किसानों को कोई  कठिनाई न हो और उनको अपना घर चलाने या खेती करने के लिए एक निर्धारित आय दी जाए। सरकार MSP की कीमत पर किसानो से उनकी फसल खरीद कर अपने अनाज भण्डार में रख लेती है और फिर इसे गरीब लोगो के लिए कम कीमत पर अनाज मुहैया कराती है।

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  • OK का Full Form क्या होता है?

MSP कैसे तय किया जाता है?

न्यूनतम समर्थन मूल्य को CACP यानी Commission for Costs and Prices तय करती है और इसमें कई मंत्रालय और विभाग इसकी मदद करते है MSP का निर्धारण निम्न्लिखित चीजों पर निर्भर करता है :-

  1. शारीरिक श्रम में खर्च
  2. पशु श्रम पर खर्च
  3. मशीन लेवर का खर्च
  4. जमीन का राजस्व
  5. जमीन का किराया
  6. स्थाई पूंजी पर ब्याज
  7. जारी कीमत एवं सब्सिडी के ऊपर प्रभाव आदि

न्यूनतम समर्थन मूल्य को कैसे जोड़ा जाता है?

  • कीमत A1- शारीरिक श्रम + पशु श्रम + मशीनी लेबर + जमीनी राजस्व + अन्य कीमतें
  • कीमत A2- कीमत A1 + जमीन का किराया
  • पारिवारिक श्रम- परिवार के सदस्यों की मेहनत
  • कीमत C2- कीमत A1 + पारिवारिक श्रम + स्वामित्व वाली जमीन का किराया + स्थाई पूंजी पर ब्याज (जमीन छोड़कर)

किसानों के लिए MSP कैसे लाभकारी है?

  • Minimum Support Price के द्वारा किसानों की फसलों का दाम नहीं घटता।
  • यदि किसानों की फसलों का दाम बाजार में गिर जाता है तो भी उन्हें निर्धारित MSP प्रदान की जाती है।
  • MSP के द्वारा किसानों की आय बढ़ती है।
  • किसानों को MSP द्वारा कीमत मिलने की तसल्ली रहती है और ज्यादा अनाज उगाने के लिए प्रेरित होते है।
  • MSP से किसानो का नुकसान कम होता है।

किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?

जैसे कि हम सब लोग जानते है कि पिछले कुछ महीने से किसान सुख सुविधाएं छोड़कर दिल्ली बॉर्डर की सड़कों पर बैठे आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में MSP को लेकर बार बार चर्चा हो रही है। तीन कानून जो की राज्यसभा से लोकसभा और लोकसभा से राष्ट्रपति का भी हस्ताक्षर हो गया है  और वह कानून ऐसा कानून है जिससे किसानों को लग रहा है की सरकार का इरादा MSP को खत्म करने का है लेकिन सरकार का कहना है कि इन तीन नए कानून से MSP पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा बल्कि इससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाया जाएगा।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि मंडियों में कारोबारियों को मंडी शुल्क अदा करना होता है लेकिन जब वह मंडी के बाहर फसलों या अनाजों की खरीद करेंगे तो उन्हें कर नहीं देना पड़ेगा, ऐसे में सभी व्यापारी अपनी मांग को लेकर सरकारी मंडी से बाहर जाने लगेंगे और सरकारी मंडी Agricultural Produce Marketing Committee (APMC) बंद हो जाएगी और किसानो MSP मिलना बंद हो जायेगा

इस लेख के माध्यम से आपको Minimum Support Price ( MSP ) से संबंधित सभी जानकारी आपको देने की कोशिस है जैसे MSP क्या होता है? | MSP Full Form क्या है? आदि अगर आपको ये जानकारी सही लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और रिस्तेदारो के साथ साझा करे और अगर आपको Minimum Support Price ( MSP ) से जुड़े कोई भी प्रश्न या कठिनाई हो तो आप हमे नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं

Filed Under: Blog Tagged With: Minimum Support Price, MSP, MSP Full Form

OK Ka Full Form क्या होता है?

04/08/2021 by kaisehoga 1 Comment

OK ka Full Form क्या होता है?
OK ka Full Form क्या होता है?
आपके मन में भी कभी न कभी ये जरूर आया होगा की OK ka full form क्या होता है?. ज्यादातर लोगों का मानना है कि OK शब्द Okay का Short form है जिसका हिंदी में मतलब ‘ठीक है’ होता है, लेकिन ये जानकार आपको थोड़ी हैरानी हो सकता है की ऐंसा असल में नहीं है. Ok शब्द का इसिहास बहुत पुराना है. और आज हम आपको इस लेख , OK का Full Form क्या होता है?  हिंदी में OK ka Full Form क्या होता है? साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि Ok शब्द का जन्म कैसे हुआ? और OK का Full Form और कौन कौन से शब्द माने जाते हैं?

OK ka Full Form क्या होता है?

  1. OK ka Full Form  “All Correct” होता है 
  2. ये एक शब्द है जिसे आमतौर पर आम भाषा में बोलचाल के लिए उपयोग किया जाता है.
  3. आपको बता दे की दुनिया का सबसे ज्यादा बोले जाने वाला शब्द Ok है,
  4. इस बात को BBC और बाकी बहुत सी Website ने भी माना है.
  5. वहीं कुछ सर्वेक्षण के मुताबिक Hello के बाद Ok सबसे ज्यादा बोले जाने वाला शब्द है.
  6. Ok एक इंग्लिश शब्द है लेकिन इसका प्रयोग अंग्रेजी भाषी देशों के साथ दूसरे देशों में भी इस्तेमाल किया जाता है.

ये भी पढ़े :-

  • MSP का Full Form क्या होता है ?
  • ANM Ka Full Form | ANM कोर्स क्या है? | ANM कोर्स कैसे करे?

आम बोलचाल के अलावा भी आपने पुस्तकों, समाचार पत्रों आदि में इस शब्द का उपयोग होता देखा होगा जिससे पता चलता है कि यह कोई मामूली शब्द नहीं बल्कि मान्यता प्राप्त शब्द है जिसका कोई पक्का मतलब तो निकलकर नहीं आता. इस Ok शब्द का उपयोग किसी काम के लिए न कर अलग अलग प्रकार से इसका इस्तेमाल करते है. आमतौर पर ज्यादातर लोग इसका मतलब किसी को किसी चीज की स्वीकृति देने के लिए करते हैं. Ok शब्द का इतिहास बहुत पहले का  है लेकिन बहुत से लोग आज भी ये जानना चाहते हैं कि आखिर Ok शब्द के पीछे का सच क्या है?

क्या OK ka Full Form होता है?

जी हाँ Ok शब्द का Full form है और इसके 1 नहीं बल्कि बहुत सारे Full form माने जाते हैं. जिसका एक कारण ये हो सकता है की Ok शब्द का प्रयोग अलग अलग तरीकों से अलग अलग जगह पर किया जाता है जिससे Ok शब्द का कोई एक ठोस मतलब नहीं पता चल पाया है. और उसी कारण अधिकतर जानकारों ने Ok शब्द के बहुत सारे Full form बताए हैं.

OK के कुछ Full forms

Ok शब्द के कई Full forms माने गए हैं. जैसे आप नीचे देख सकते है:-

OK ka Full Form क्या होता है?

  1. All correct
  2. Okay
  3. Objection killed
  4. Objection Knock
  5. All Clear

Ok शब्द का जन्म कैंसे हुआ?

हमे बचपन में स्कूलों या आस पास के लोगो द्वारा यही बताया जाता है कि OK शब्द Okay का Short form है. लेकिन इसके इतिहास को जाने तो Ok शब्द का Full form होता है ‘All Correct‘. परन्तु अब आप ये कहेंगे कि All Correct का Short तो AC होना चाहिए लेकिन OK क्यों है. तो आपको बता दें की एक तरफ ये माना जाता है कि इसका जन्म गलती से हुआ था, वहीं दूसरी तरफ ये माना जाता है कि इसका जन्म गलती से नहीं बल्कि हसीं मजाक के रूप में हुआ था और ये शब्द धीरे धीरे फैलते हुए पुरे दुनिया में प्रचिलित हो गया. अंग्रेजी भाषा पूरे दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली भाषा है और Ok भी एक अंग्रेजी भाषा का ही शब्द है तो स्वाभाविक सी बात है कि Ok दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला शब्द है.

Ok के Full form ‘All Correct’ का इतिहास

  1. Ok शब्द का इतिहास 180 वर्षों पुराना माना जाता है.
  2. ऐसा माना जाता है की Ok शब्द का जन्म 19वी शताब्दी में अमेरिका में हुआ था.
  3. अधिकतर लोगों का कहना है कि Ok शब्द का जन्म गलत उच्चारण के कारण हुआ था.
  4. लेकिन Ok शब्द का जन्म मजाक के तौर पर हुआ था.
  5. उस समय में किसी भी शब्द को जानबूझकर मजाक के तौर पर प्रयोग करना प्रचलन था
इसी तरह Ok शब्द का उपयोग सर्वप्रथम 1839 में चार्ल्स गॉर्डोन ग्रीन के ऑफिस में मजाकिया अंदाज में किया गया और इस शब्द का उपायोग उन्होंने 23 मार्च 1839 को Boston Morning Post में एक लेख लिखा जिसमे Oll Korrect शब्द का प्रयोग किया.
  • Oll Korrect शब्द All Correct का गलत उच्चारण था
  • जिसका उपयोग जान बूझकर मजाक के तौर पर किया गया.
  • हिंदी में All Correct का मतलब “सब ठीक है” होता है.
  • जिसके बाद “Ok” Oll Korrect का Short Form के रूप प्रचिलित हो गया.
  • यह शब्द इतना ज्यादा प्रचिलित हुआ कि आज इसका प्रयोग पूरी दुनिया में लगभग हर जगह किया जाता है.

विकिपीडिया के अनुसार Ok शब्द Ole Kurreck का Short form है जो कि अमेरिकन अंग्रेजी से लिया गया है. आज के समय में आपने देखा होगा की लोग अब Ok शब्द के भी Short form का उपयोग K के रूप में करने लगे है. वही आपने बहुत से सामानो के ऊपर Ok शब्द को बड़े बड़े अक्षरों में लिखा देखा होगा. तो आपको बता दे जब किसी सामान या प्रोडक्ट के ऊपर Ok शब्द का प्रयोग होता है तो वहाँ इसका Full form ‘Objection Killed‘ होता है जिसका हिंदी में मतलब होता है. ‘कोई आपत्ति शेष नहीं’

Ok शब्द का प्रयोग किस प्रकार से होता है?

Ok शब्द का प्रयोग कई तरीको से किया जाता है, आइए समझते हैं –

हाल चाल जताने या पूछने के लिएOK ka Full Form क्या होता है?

उदाहरण –
1. मैं Ok हूँ या अंग्रेजी में I am Ok जिसका मतलब मैं ठीक हूँ.
2. क्या तुम Ok तो हो या अंग्रेजी में Are You Ok जिसका मतलब क्या तुम ठीक तो हो
3. मेरा सब Ok चल रहा है जिसका मतलब मेरा सब ठीक ठाक चल रहा है.
4. मैंने अपनी मोटर साइकिल की कंडीशन बिल्कुल Ok करा ली है अर्थात मैंने अपनी मोटर साइकिल को ठीक करा ली है.

स्वीकृति या सहमति जताने के लिए

उदाहरण – जैंसे मैंने किसी से कोई मदद मांगी और उसने जवाब में मुझे कहा Ok. तो मैं समझ जाऊंगा की उसने मेरी मदद के लिए हाँ कहा है.

मुझे उम्मीद है की आपको यह लेख OK ka full form क्या होता है? जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की आपको किसी भी जानकारी के लिए आपको कही और न जाना पड़े और आपको सभी जानकारी हमारे इसी ब्लॉग पर आपको मिल जाए. इससे आपकी समय की बचत भी होगी। अगर आपके मन में भी किसी तरह का कोई प्रश्न उठ रहा हो तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते है हम पूरी कोसिस करेंगे आपकी मदद करने की।

यदि आपको यह लेख OK ka full form क्या होता है? पसंद आया या आपको कुछ सीखने को मिला तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों या रिस्तेदारो के साथ साझा कीजिये ताकि उनतक भी ये जानकारी पहुंच पाए

Filed Under: Blog Tagged With: Full Form of OK

Amazon Affiliate के लिए WordPress Blog कैसे बनाये?

06/06/2021 by kaisehoga Leave a Comment

 

ऑनलाइन पैसे कमाना कौन नहीं चाहता लेकिन ऐसा सिर्फ वही लोग कर पाते हैं जिन्हें ऑनलाइन कमाने का सही जरिया और सही स्ट्रेटजी पता हो और जो नए से नए  तरीकों को आजमा कर पैसे कमाने का जरिया ढूंढता हो, अगर आप उन्हीं लोगों में से हैं, एक हैं तो आपकी राह तो बहुत आसान है क्योंकि आप चाहे तो आप आप अपने ब्लॉग के जरिए भी ऑनलाइन कमाना शुरू कर सकते हैं। इससे आपको दो फायदे होंगे पहला तो यह कि आपको ब्लॉक के जरिए आप अपने को खुद को एक्सप्रेस कर पाएगे और अपनी खास पहचान बनायेंगे और दूसरा फायदा यह होगा कि पैसे कमाने का सही तरीका यूज़ करके आप अपने इंटरेस्ट यानी ब्लोगिंग से कमाई से शुरू कर सकेंगे सोचने में तो यह बहुत ही आसान और मजेदार लग रहा है लेकिन यह होगा कैसे?

अगर आप Amazon Affiliate प्रोग्राम से जुड़ेंगे और वह भी WordPress Blog के जरिए क्योंकि आप यह तो जानते ही हैं कि Affiliate Marketing के जरिए आप कम से कम लागत में ऑनलाइन पैसे कमा सकते हैं और ऐसे कई Bloggers है जो हर महीने मुझे Amazon Affiliate प्रोग्राम के जरिए हजारों डॉलर कमाते हैं और यह जानकर आपको बहुत खुशी भी होगी कि WordPress Affiliate Marketing Blog को बनाना और मेंटेन करना काफी आसान होता है। अब इस Amazon Affiliate को WordPress Blog को बनाने के लिए आपको कौन से स्टेप्स फॉलो करने होंगे। यह जानने के लिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ें

Amazon Affiliate

Affiliate Marketing क्या होती है? और Amazon Affiliates Blog इतने पॉपुलर क्यों होते हैं?

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Affiliate Marketing क्या है? Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाए?

तो एफिलिएट मार्केटिंग में एक कमीशन बेस्ड रेफरल प्रोग्राम है जिसमें आप किसी कंपनी के पार्टनर बनते हैं और अपने ब्लॉग पर उस कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विसेस को लिंक के जरिए अपने विजिटर्स को रेफर करते हैं और जब विजिटर्स आपके लिंक के थ्रू उस कंपनी के प्रोडक्ट खरीदते हैं तो उस प्रॉफिट का एक हिस्सा आपको मिलता है और अगर आप राइट प्रोडक्ट यूज करते हैं तो लॉन्ग टर्म में आपको काफी अच्छी कमाई हो सकती है।

  • इसमें आपके लो स्टार्टअप कोस्ट लगती है और इसे ज्वाइन करना बहुत आसान आसान होता है।
  • इसमें आपको शिपिंग और प्रोडक्ट रिटर्न से आपको डिल नहीं करना होता।
  • आपको प्रोडक्ट और सर्विस क्रिएट करने की जरूरत नहीं होती है
  • इसके जरिए आपक 24*7 पैसे कमा सकते हैं
  • अगर आप इस फील्ड में नए हैं तो किसी ट्रस्टेड प्रोग्राम जैसे Amazon के साथ शुरुआत करना बेस्ट रहेगा
  • क्योंकि यह एकदम फ्री है और इसके जरिए आप 10% तक रेफरल फीस कमा सकते हैं।
  • इसे ज्वाइन करना भी काफी आसान होता है
  • और अमेजॉन ऐसे मिलियंस प्रोडक्ट्स ऑफर करता है जिनमें से अपने ब्लॉग के लिए आप बेस्ट चुन सकते हैं
  • Amazon Affiliate प्रोग्राम के लिए आपका Blog WordPress पर बनाने से बहुत प्रॉफिट होगा क्योंकि यह प्रोग्राम WordPress के साथ बहुत ही आसानी से चलता है
  • आपके Blog के लिए मल्टीपल साइट लिंकिंग टूल्स ऑफर करता है
  • और इसमें आप अपने कमाई को कभी भी ट्रैक कर सकते हैं

Amazon Affiliate WordPress Blog को बनाने का प्रोसेस क्या हैं?

1. Blog का Niche चुने!

अपने Blog का Niche चुनते समय आपको अपने इंटरेस्ट और पैशन का ध्यान तो रख नहीं है क्योंकि ब्लॉक पर हाई क्वालिटी कंटेंट पब्लिश करने के लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत होगी और ऐसे प्रयास बिना इंटरेस्ट के पॉसिबल नहीं है, लेकिन अगर आप ब्लॉग से अमेजॉन एफिलिएट प्रोग्राम के जरिए पैसे कामना चाहते हैं और जल्द से जल्द अपने ब्लॉग को मोनेटाइज भी करवाना चाहते हैं तो अपनी पसंद का Niche फाइनल करने से पहले उसकी पॉपुलरटि, कंपटीशन लेवल, पॉसिबल ट्रैफिक के बारे में तो रिसर्च करनी है साथ ही साथ ऐमेज़ॉन कमीशन रेट्स को भी ध्यान में रखिए क्योंकि अमेजॉन पर अवेलेबल प्रोडक्ट्स पर अलग-अलग रेट कमीशन होते हैं कुछ-कुछ पर 2% किसी पर 5% किसी पर 10% तो किसी पर 0% भी होता है। तो ऐसे में कम से कम 0% कैटगरी से रिलेटेड Niche को तो बिल्कुल सेलेक्ट ना करें।

2. बेस्ट Web Hosting चुने!

अपना ब्लॉगिंग Niche चुनने के बाद आपको ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की जरूरत होगी। यह प्लेटफॉर्म वह सर्विस है जिसका यूज करके आप अपना कंटेंट पब्लिश करेंगे। इसके लिए आपको ऐसी होस्टिंग की जरूरत होगी जो फास्ट हो, और अफॉर्डेबल भी हो। जिसका चैट सपोर्ट भी बहुत अच्छा होऔर जिसका कंट्रोल पैनल भी यूजर फ्रेंडली हो जैसे की Hostinger का

Hostinger के WordPress Hosting Plan में आपको 4 टाइप्स के प्लेन मिलेंगे इसमें से आप बेस्ट Plan चुन सकते हैं,Amazon Affiliate

  1. Beginners लिए ₹99 पर महीने में Single WordPress प्लान
  2. पर्सनल वेबसाइट के लिए ₹119 पर मंथ में WordPress स्टार्टअप प्लान।
  3. स्मॉल बिजनेस के लिए ₹279 पर मंथ में बिजनेस WordPress प्लान
  4. स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस के लिए ₹899 पर मंथ WordPress प्रीमियम प्लान

Hostinger के बेस्ट वैल्यू प्लेन यानी WordPress स्टार्टर प्लान के बारे में आपको यह भी बता देते हैं कि इसमे आपको 100 वेबसाइट, 100GB SSD स्टोरेज, फ्री SSL के साथ फ्री डोमेन भी मिलता है और 30 दिन  मनी बैक गारंटी के अलावा और भी बहुत सारे फायदे भी मिलते हैं

3. Domain रजिस्टर्ड करना!

बेस्ट होस्टिंग के अलावा Domain नेम रजिस्टर करवाना भी इस प्रोसेस का एक इंपॉर्टेंट हिस्सा है और शायद आपको पता हो कि हर साइट का एक URL एड्रेस होता है जो उसका डोमेन नेम कहलाता है और एक ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म सेट करने के लिए जितनी फ़ास्ट Hosting की जरूरत होती है उतनी ही एक बढ़िया Domain नेम की जरूरत भी होती है

  • Hostinger पर तो आपको यह दोनों आसानी से मिल जाएंगे
  • और जब आप Hostinger से वेब Hosting लेंगे तो आपको फ्री Domain नेम भी मिल जाएगा।
  • Hostinger में आपको Domain को ट्रांसफर करने का ऑप्शन भी मिलेगा।

Hostinger के इतने सारे फीचर्स जान लेने के बाद अगर आप भी अपना WordPress Blog Hostinger पर बनाना चाहे तो Hostinger प्लान पर यह कूपन कोड यानी की KAISEHOGA यह कैपिटल लेटर्स में आपको लिखना है। आपको इससे 7% का डिस्काउंट मिल जाएगा  यानी बेस्ट वेब होस्टिंग और फ्री डोमेन नेम के साथ आपको डिस्काउंट भी मिल जाएगा।

4. WordPress ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म सेटअप करिए!

Amazon Affiliate
Blogger कैसे बने?

ब्लॉगिंग के लिए WordPress बेस्ट प्लेटफॉर्म में से एक है इसका सेटअप करने से और उसका यूज़ करने के लिए आपको किसी भी तरह की कोडिंग नॉलेज की जरूरत नहीं होती है और यह Beginners फ्रेंडली के अलावा आसान SEO ऑप्शंस भी प्रोवाइड करवाता है।

  • WordPress Amazon Affiliate प्रोग्राम के साथ भी बेस्ट सूटेबल रहता है
  • और जब आप Hostinger चुनते हैं तो यह सेटअप बहुत ही सिंपल हो जाता है।
  • इसलिए WordPress को इंस्टॉल कर लीजिए।
  • और जब WordPress सेटअप हो जाए तो आप अपने ब्लॉग की अपीरियंस को कस्टमाइज कर सकते हैं

5. Themes & Plugins का यूज करें।

WordPress इंस्टॉल करने के बाद आप ढेर सारी फ्री WordPress Themes में से अपने लिए बेस्ट चुन सकते हैं

कुछ बेस्ट फ्री Themes के नाम ये है –
  1. OceanWP
  2. Astra
  3. Maxwell
  4. Elegant Magazine
Amazon Affiliate प्रोग्राम के लिए आप इन Themes का प्रयोग कर सकते है :-
  1. Kingdom
  2. Duncan
  3. Cize

इसी तरह Plugins के जरिए आप अपने WordPress ब्लॉग में बहुत सारे नए और एडवांस फंक्शन ऐड कर सकते हैं और Amazon Affiliate Plugins के जरिए WordPress ब्लॉग या साइट में Amazon Affiliate लिंक डालना बहुत ही आसान हो जाता है। उसके लिए आपको WordPress पर बहुत सारे फ्री और प्रीमियम Plugins मिल जाएंगे जिनमें से आप वो Plugins चुज कर सकते हैं जो आपके Blog के लिए एकदम परफेक्ट हो

ऐसे कुछ फ्री Amazon Accosiates Plugins ये है:-
  1. EasyAzon
  2. Amazon Auto Links
  3. AmazonSimpleAdmin
Amazon Affiliate अकाउंट के लिए बेस्ट Premium Plugins ये है :-
  1. AAWP
  2. AzonPress
  3. Wzone
  4. AAPro

Amazon Affiliate

6. Blog पोस्ट पब्लिश करना!

अब आपका ब्लॉग तैयार है इसलिए इस पर फ्रेश,ऑथेंटिक और क्वालिटी कंटेंट डालना शुरू कीजिए। माना कि आप Amazon Affiliate ब्लॉग के जरिए पैसे कमाना चाहते हैं लेकिन फिर भी आपका फोकस अपने ब्लॉग कंटेंट पर ही होना चाहिए क्योंकि ब्लॉगिंग आपका फैशन भी है और आपका बढ़िया कंटेंट ही आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक लेकर आएगा जो की पैसे लिए बहुत जरुरी है।

  • Blog पर क्वालिटी कंटेंट रेगुलरली डालते जाइए।
  • इसके साथ-साथ अपने ब्लॉग को प्रमोट भी करना चाहिए
  • जिसके लिए बेस्ट फ्री ऑप्शंस दूसरे ब्लॉगर्स के साथ कम्युनिकेट करना और ऑनलाइन कम्युनिटीज में पार्टिसिपेट करना होता है

7. Amazon Affiliate अकाउंट बनाये!

Affiliate Marketing

ये भी पढ़े :-

Amazon के साथ Affiliate Marketing कैसे शुरू करे?

  • अमेजॉन एफिलिएट प्रोग्राम को स्टार्ट करने के लिए आपको Amazon Affiliate अकाउंट क्रिएट करना होगा
  • इसके बाद लॉगिन करके आपको वो आइटम्स्स चूज़ करने होंगे, जिन्हें आप अपने ब्लॉग पर फीचर करना चाहते हैं।
  • हर आइटम का यूनिट लिंक होता है जिसे आप अपने ब्लॉग पर लिंक कर सकते हैं।
  • जब उस लिंक के जरिए आपके विजिटर्स उन Amazon प्रोडक्ट्स को खरीदेंगे तो आपको उसका कमीशन मिल जाएगा

इस तरह से इन 7 Steps को पूरा करके आप Amazon Affiliate WordPress ब्लॉग तैयार कर सकते हैं और उसके जरिए पैसे कमा सकते हैं। लेकिन यह याद रखिएगा कि Affiliate मार्केटिंग में सक्सेस के लिए आपको बहुत रिसर्च और धैर्य की जरूरत होगी और Amazon का Affiliate प्रोग्राम इस सक्सेसफुल सफर का स्ट्रांग एंट्री प्वाइंट साबित होगा। तो यह जानकारी आपको कैसे लगी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताइएगा साथ ही साथ आगे आप किस बारे में जानना चाहते हैं, वह भी हमें बताइए।

Filed Under: Blog, कैसे करे Tagged With: Affiliate, Affiliate Marketing, Amazon, Amazon Affiliate, Amazon Affiliate Program, Blog, digital marketing, WordPress, WordPress Blog

How to Buy Cryptocurrency in India? – [Hindi]

30/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

How to Buy Cryptocurrency in India?
How to Buy Cryptocurrency in India?

Bitcoin की लॉन्चिंग के कुछ टाइम बाद से ही Cryptocurrency की पॉपुलेरिटी बढ़ती जा रही है और आज इसका फील्ड इतना तेजी से बढ़ रहा है कि आज बिटकॉइन के अलावा 4000 से भी ज्यादा Cryptocurrency मौजूद है। इनमें से कुछ पॉपुलर Cryptocurrency :-

  1. Ethereum (ETH)

  2. Litecoin (LTC)

  3. Cardano (ADA)

  4. Polkadot (DOT)

  5. Bitcoin Cash (BCH)

  6. Stellar (XLM)

  7. Chainlink

  8. Binance Coin (BNB)

वैसे आप यह तो जानते ही होंगे कि Bitcoin ऐसी वर्चुअल यानी डिजिटल मनी है जो कॉइंस या टोकन के रूप में होती है, लेकिन अगर आप इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो हमने इस पर एक पोस्ट पहले भी लिखा हुआ है जिसमें आपको क्रिप्टो करेंसी का बेसिक कांसेप्ट मिल जाएगा। इसलिए अगर आपने उस पोस्ट को अभी तक नहीं पढ़ा है तो आप यहां से उस पोस्ट को भी पढ़ लीजिए Crypto Currency क्या है? और ये कैसे काम करता है? और आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि How to Buy Cryptocurrency in India?

India में Cryptocurrency खरीदने और बेचने के क्या रूल एंड रेगुलेशन है?

  • India में Cryptocurrency को खरीदना, बेचना, ट्रेडिंगकरना और होल्ड करना लीगल है
  • लेकिन अभी तक भारत की सरकार ने Crypto रेगुलेशंस के लिए कोई LAW पास नहीं किया है।
  • फिर भी Cryptocurrency को खरीदना और बेचना अब पूरी तरह लीगल है।

यह बात जरूर है कि आप इंडिया में Cryptocurrency को लीगल टेंडर की तरह यूज नहीं कर सकते यानी कोई सामान या और कोई सर्विस खरीदने बेचने में आप बिटकॉइन या कोई दूसरी Cryptocurrency का इस्तेमाल नहीं कर सकते। लेकिन ऐसा तो गोल्ड के साथ भी होता है। गोल्ड को भी तो हम कुछ खरीदने और बेचने में इस्तेमाल नहीं करते हैं फिर भी उसकी वैल्यू हमारे लिए बहुत ज्यादा ही बनी रहती है और कुछ ऐसा ही फंडा Cryptocurrency पर भी लागू होता है।

ये भी पढ़े :-

Bitcoin क्या होता है? – What is Bitcoin?

How to Buy Cryptocurrency in India?
How to Buy Cryptocurrency in India?

How to Buy Cryptocurrency in India?

तो दोस्तों बिटकॉइन जैसे Cryptocurrency खरीदने से पहले आपके पास Cryptocurrency एक्सचेंज अकाउंट, पर्सनल आईडेंटिफिकेशन डाक्यूमेंट्स, सिक्योर इंटरनेट कनेक्शन और एक पेमेंट मेथड होना चाहिए और क्रिप्टोकरंसी खरीदने के लिए आपको यह स्टेप पूरे करने होंगे :-

1. Cryptocurrency एक्सचेंज चुने!

  • जब आप Cryptocurrency एक्सचेंज पर SignUp करेंगे तभी आप Cryptocurrency को खरीद , बेच और होल्ड कर सकेंगे।
  • इसके लिए आपको बहुत से Cryptocurrency एक्सचेंज मिल जाएंगे,
  • आपको बेस्ट एक्सचेंज चुनना है जिसके लिए आपको अच्छे से रिसर्च करना चाहिए
  • क्योंकि बेस्ट एक्सचेंज वही है जिसका यूज करना आसान हो, जो सिक्योर हो और ऑथेंटिक भी जैसे कि इंडिया सिंपलेस्ट बिटकॉइन एप CoinDCX | Go
  • CoinDCX | Go इंडिया के लार्जेस्ट और सेफेस्ट Crypto एक्सचेंज CoinDCX से डेवलप्ड हुआ है
  • यह ऐप ISO सर्टिफाइड है और KYC, AML प्रोसीजर्स जैसे सभी रूल्स एंड रेगुलेशंस को फॉलो करता है।

    How to Buy Cryptocurrency in India?
    How to Buy Cryptocurrency in India?

ये CoinDCX | Go बिगनर्स के लिए बेस्ट बिटकॉइन एप्लीकेशन है क्योंकि CoinDCX | Go में बिटकॉइन खरीदना इतना आसान है जितना अपने स्मार्टफोन पर टाइप करना। और अगर आप क्रिप्टो करेंसी के फील्ड में नए है तो CoinDCX | Go आपके लिए बेस्ट चॉइस हो सकता है क्योंकि यहां पर इन्वेस्टमेंट का प्रोसेस एकदम आसान होता है और इस ऐप में Bitcoin, Ethereum, Litecoin, Cardano, और Polkadot के अलावा और भी कई सारी क्रिप्टोकरेंसीज में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

Cryptocurrency एक्सचेंज यूज करते टाइम आपको सेफ्टी ऑप्शंस पर भी ध्यान देना होगा

  • CoinDCX | Go  एप OTP या भरोसेमंद प्रमाणक के जरिए आपके अकाउंट में सिक्योरिटी देता है
  • इस पर आपको मल्टीपल सिक्योरिटी फीचर के साथ सेफेस्ट एक्सचेंज भी मिलता है जिसमें Two–factor authentication और Withdrawal पासवर्ड जैसे फीचर शामिल है।
  • यहां पर आपके पासवर्ड, पर्सनल डाटा और बाकी सारे सेंसेटिव इनफॉरमेशन सिक्योर रहती है
  • और हर Cryptocurrency Withdrawal को भी बहुत सारे कन्फ़र्मेशन के बाद ही प्रोसेस किया जाता है
  • यानी CoinDCX | Go एप में सेफ और आसान एक्सचेंज की सारी क्वालिटी मौजूद है

2. अपने एक्सचेंज को पेमेंट ऑप्शन से कनेक्ट करिए।

  • बेस्ट एक्सचेंज को चुनने के बाद आपको अपने पर्सनल डाक्यूमेंट्स की जरूरत होगी।
  • जिसमे आपके एक्सचेंज एप के अनुसार PAN Card या Aadhaar जैसे डॉक्यूमेंट रिक्वायरमेंट होंगे
  • वैसे ज्यादातर Crypto एक्सचेंज एप या  CoinDCX | Go एप स्ट्रिक्ट KYC प्रोसेस को अपनाते हैं ताकि इन करेंसी के अवैध कार्य को रोका जा सके

  • एक बार जब आपकी आईडेंटिफिकेशन कंफर्म हो जाए, उसके बाद आप पेमेंट ऑप्शन से कनेक्ट कर सकते हैं
  • जिसके लिए आप डायरेक्ट बैंक अकाउंट से कनेक्ट कर सकते हैं
  • इसमें आप डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी यूज कर सकते हैं।
  • बहुत से एक्सचेंजर ट्रांजैक्शन फीस चार्ज करते हैं आपको हर एप के फीस मैं वेरिएशन मिल सकता है
  • आप CoinDCX | Go एप के जरिए क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट डायरेक्टली अपना बैंक अकाउंट यूज करके कर सकते हैं
  • इस एप से क्रिप्टो बाय ओर सेल करने पर आपको जीरो ट्रांजैक्शन फीस देनी होगी।

CoinDCX | Go एप में पेमेंट ऑप्शन सेलेक्ट करने में आपको 20 मिनट से ज्यादा का टाइम नहीं लगेगा। इसके लिए आपको बस रजिस्टर करना है। अपना बैंक अकाउंट लिंक करना है और आप 100 रुपए डिपाजिट करके भी शुरुआत कर सकते हैं और आसानी से 24*7 डिपॉजिट और Withdrawal कर सकते हैं।

3. ऑर्डर प्लेस करे!

  • एक्सचेंज यूज करने और पेमेंट ऑप्शन से कनेक्ट करने के बाद आप बिटकॉइन या दूसरे Cryptocurrency को खरीद सकते हैं।
  • CoinDCX | Go में Crypto खरीदना और बेचना हर किसी के लिए एकदम सिंपल और आसान है।
  • इसमें आप सिर्फ ₹10 से भी Cryptocurrency खरीद कर शुरुआत कर सकते हैं।

4. Cryptocurrency को खरीदने के बाद आप उसे कैसे सुरक्षित रखे?

ऊपर दिए 3 स्टेप्स को फॉलो करके आप Cryptocurrency खरीद सकते हैं। लेकिन जहां Currency की बात होती है वहां पर सेफ्टी स्टोरेजकी बात तो होनी चाहिए इसीलिए बिटकॉइन और Cryptocurrency को खरीदने के बाद आप उसे कैसे सुरक्षित रखे?

  • Cryptocurrency को खरीदने के बाद आपको इन्हें सेफ स्टोरेज में यानी  Cryptocurrency वॉलेट में रखना चाहिए
  • कुछ वॉलेट में केवल बिटकॉइन स्टोरेज की फैसिलिटी मिलती है
  • जबकि कुछ में बहुत तरह की Cryptocurrency स्टोर करने का ऑफर मिलता है।
  • कुछ वॉलेट में आप एक टोकन को दूसरे वॉलेट में स्वैप भी कर सकते हैं।
  • बिटकॉइन वॉलेट यूज़ करते टाइम आपको Hot Wallets और Cold Wallets जैसे ऑप्शन मिल सकते हैं।
  • यहां पर Hot Wallets यानी Online Wallets और Cold Wallets यानी Paper या Hardware Wallets

 

Hot Wallets

  • Hot Wallets कंप्यूटर, फोन और टेबलेट जैसी इंटरनेट कनेक्टेड डिवाइस पर चलते  हैं
  • इस Wallets के जरिए आप तेज़ी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
  • लेकिन यह ध्यान रखिए कि अपनी प्राइवेट KEY किसी इंटरनेट कनेक्टेड डिवाइस पर स्टोर करना हैकिंग रिस्क को बढ़ा सकता है।
  • ये Wallets Cryptocurrency के स्मॉल अमाउंट के लिए बेस्ट रहते हैं जिसको आप किसी एक्सचेंज पर एक्टिवली ट्रेड कर रहे हो

Cold Wallets

  • Cold Wallets इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं और इनमें रिस्क भी बहुत कम रहता है।
  • इन्हें ऑफलाइन वॉलेट या हार्डवेयर वॉलेट भी कहते हैं।
  • यह Wallets यूजर्स की प्राइवेट KEY को ऐसी जगह पर रखते हैं जो इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं होती
  • और Cryptocurrency को सिक्योर करने का सबसे सेफ तरीका पेपर वॉलेट होता है जिसे पर्टिकुलर वेबसाइट से जनरेट किया जा सकता है।
  • यह पब्लिक और प्राइवेट KEY प्रदान करता है जिसका पेपर पर प्रिंट आउट लिया जा सकता है
  • और इन एड्रेस पर Cryptocurrency एक्सेस करने के लिए आपके पास ब्लिक और प्राइवेट KEY वाला पेपर होना जरूरी है।
  • बहुत से लोग से लैमिनेट करवाकर बैंक के सेफ्टी डिपॉजिट बॉक्स में स्टोर कर देते हैं
  • ये लम्बे समय के इन्वेस्टमेंट के लिए होते हैं क्योंकि आप इन्हें तुरंत ट्रेड या सेल नहीं कर सकते।
  • इसी तरह Hardware Wallets होते हैं जो यूएसबी ड्राइव डिवाइस होती है जो यूजर के प्राइवेट KEY को ऑफलाइन सिक्यॉरली स्टोर करते हैं।
  • Hardware Wallets पेपर वॉलेट से ज्यादा यूज किए जाते हैं।

यानी आप अपना वॉलेट सेटअप करने के लिए आपके पास तीन चीजें जरूरी है:-

  1. एक्सचेंज अकाउंट
  2. Crypto के छोटे से मध्यम अमाउंट को रखने के लिए Hot Wallet
  3. Crypto को लम्बे समय तक होल्ड करके रखने के लिए Cold Wallet

वैसे आपको यह भी पता होना चाहिए कि बिटकॉइन को बिटकॉइन ATM और P-2-P  यानी Peer-to-Peer एक्सचेंजर्स के जरिए भी खरीदा जा सकता है तो दोस्तों इस तरीके से अब आप Cryptocurrency को खरीदने का प्रोसेस तो जान ही चुके हैं और अगर आप क्रिप्टो करेंसी और ब्लॉकचेन के बारे में डिटेल में जानना चाहते हैं तो इसके DCX Learn प्लेटफार्म यानी dcxlearn.com से आप सीख सकते हैं जो CoinDCX | Go का फ्री एजुकेशनल पोर्टल है।

आपको यह जानकारी How to Buy Cryptocurrency in India? – [Hindi] और यह पोस्ट कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताये और अगर आपका कोई सवाल हो तो उसे हमारे साथ साझा जरूर करे हम पूरी कोशिस करेंगे की  हर तरह के सवाल का जवाब दे सके।

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Network Marketing Kya Hai – और ये कैसे काम करता है ?

25/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

आपने Network Marketing के बारे में बहुत सुना होगा क्योंकि आजकल इस मार्केटिंग के बारे में हर जगह बात की जा रही है क्युकी यह मार्केटिंग का एकदम अलग सा मॉडल है और बहुत सी कंपनियां इस मार्केटिंग मॉडल को एक लंबे टाइम से अपना भी रही है। ऐसे में आपको भी Network Marketing Kya Hai इसकी जानकारी रखनी चाहिए तभी तो आप इससे जुड़ पाएंगे और प्रॉफिट ले पाएंगे। इसलिए आज इस पोस्ट में हम आपके लिए  Network Marketing Kya Hai से रिलेटेड जानकारी लेकर आए हैं। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

Network Marketing Kya Hai ?

  • ये एक ऐसा बिजनेस मॉडल है जिसमें लोग एक पिरामिड स्ट्रक्चर नेटवर्क के रूप में शामिल होते हैं और किसी कंपनी के प्रोडक्ट को बेचते हैं।
  • इस नेटवर्क का हर डिस्ट्रीब्यूटर यानी मेंबर एक स्वतंत्र सेल्स रिप्रेजेंटेटिव होता है।
  • इस नेटवर्क में जुड़ने वाले लोगों को प्रोडक्ट बेचने पर एक फिक्स्ड कमीशन मिलता है।
Network Marketing Kya Hai
Network Marketing Kya Hai

जब भी कोई व्यक्ति प्रोडक्ट बेचता हैं या उनके द्वारा नेटवर्क में जोड़ा गया नया मेंबर कोई प्रोडक्ट बेचता है तो इस बिजनेस मैं हर भाग लेने वाले को IBO कहा जाता है यानी कि Independent Business Owner क्योंकि वह अपने बिजनेस को खुद प्रमोट करते हैं।

  • इस Network Marketing के जरिए प्रोडक्ट को डायरेक्ट कंजूमर तक पहुंचाया जाता है, यानी डायरेक्ट सेल की जाती है।
  • इस Network Marketing को मल्टी लेवल मार्केटिंग भी कहा जाता है।
  • इसके अलावा भी Network Marketing के बहुत सारे नाम है जैसे:-
  1. सेल मार्केटिंग,
  2. एफिलिएट मार्केटिंग,
  3. कंज्यूमर डायरेक्ट मार्केटिंग,
  4. रेफरल मार्केटिंग
  5. होम बेस्ड बिजनेस फ्रेंचाइजिंग

Amway और Tupperware जैसे कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए इसी Network Marketing का इस्तेमाल करती है।

ये भी पढ़े:-

  •  Affiliate Marketing क्या है? Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाए?
  •  YouTube Marketing क्या होता है?

काम कैसे करती है Network Marketing ?

आमतौर Marketing में यही होता है कि आप किसी कंपनी का प्रोडक्ट बेचेंगे तो आपको उस प्रोडक्ट के अकॉर्डिंग पेमेंट या कमीशन मिल जाएगा। लेकिन Network Marketing इससे थोड़ा अलग और एडवांस है कैसे? इसे इस तरह से समझते हैं – मान लीजिए कि आप एक कंपनी से जुड़े हुए हैं और उसका प्रोडक्ट आपने अपने दोस्त को बेचा ऐसा करने से आपको कंपनी से कमीशन मिल गया, लेकिन अगर आपके दोस्त ने भी उसी कंपनी का प्रोडक्ट अपने किसी दोस्त को भी बेचा तो आपको क्या लगता है कि कमीशन किसे मिलेगा आपके दोस्त को ? तो इसका जवाब है नहीं” नेटवर्क मार्केटिंग में इसका कमीशन आपके दोस्त को भी मिलेगा और उसके कमीशन का एक फिक्स्ड परसेंटेज आपको भी मिलेगा।

Network Marketing Kya Hai
Network Marketing Kya Hai

अब सवाल ये है कि इस बार आपको कमीशन क्यों मिलेगा जबकि प्रोडक्ट तो आपके दोस्त ने बेचा है। यही तो Network Marketing है की आपके नेटवर्क में जितने भी लोग उस प्रोडक्ट की सेल करते जाएंगे, आपको भी उसका कमीशन मिलता जाएगा तो इस तरह पिरामिड स्ट्रक्चर नेटवर्क बढ़ता जाता है क्योंकि मेंबर्स नए नए लोगो को कंपनी के प्रोडक्ट  बेचते रहते हैं और उन्हें अपने  पिरामिड स्ट्रक्चर नेटवर्क में शामिल करते जाते हैं तो इस तरह से पिरामिड बहुत बड़ा हो जाता है और हर मेंबर को पिरामिड स्ट्रक्चर नेटवर्क में अपनी पोजीशन के अनुसार कमीशन मिलता रहता है जो हर नए मेंबर के जुड़ने के साथ बढ़ता जाता है।

इसके क्या बेनिफिट्स है?

  • Marketing के इस बिजनेस मॉडल को फॉलो करने वाले ऑर्गनिज़शन अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग और सेल्स डायरेक्ट करती है
  • इसके लिए वह किसी डिस्ट्रीब्यूटर चैनल की हेल्प नहीं लेती है
  • बल्कि ऐसे नॉन एंप्लॉयड पार्टिसिपेंट्स को रिस्पांसिबिलिटीज दे दी जाती है जो हर बार सेल करने पर कमीशन पाते हैं।
  • इस नेटवर्क से जुड़ कर काम करने के लिए आपको बहुत सारा पैसा भी व्यर्थ नहीं होगा
  • और इसमें ना ही कोई समय की पाबन्दी हुआ करती है।
  • इस मॉडल में पार्टिसिपेंट्स को अट्रैक्टिव डिस्काउंट और ऑफर्स मिलते हैं क्योंकि वह उस नेटवर्क के कंज्यूमर्स भी होते हैं
  • इस बिजनेस मॉडल में बाकी बिजनेस मॉडल की तरह ज्यादा एडवर्टाइजमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ती
  • क्योंकि एडवर्टाइजमेंट की तुलना में व्यक्ति से व्यक्ति होने वाली मार्केटिंग ज्यादा कारगर रहती है।
  • इस मार्केटिंग मॉडल का पिरामिड नेटवर्क बहुत बड़ा हो जाता है और हर पार्टिसिपेंट्स का कमीशन भी बढ़ता जाता है।
  • यह नेटवर्क कमीशन बेस्ट नेटवर्क है जिसमें पार्टिसिपेंट्स को कोई फिक्स्ड सैलेरी नहीं दी जाती है बल्कि वह जितना अच्छा काम करेगा उतना उसका कमीशन यानी प्रॉफिट भी बढ़ता जायेगा
Network Marketing
Network Marketing Kya Hai

इसके इतने सारे बेनिफिट्स जानकर इसे परफेक्ट मॉडल नहीं मान लेना चाहिए बल्कि इसके दूसरे पहलु को भी जान लेना चाहिए। क्योंकि कई बार ऐसी कंपनीज भी मार्केट में आती है जो अपना फ्रॉड प्लान दिखाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है और उनके पैसे लेकर भाग जाती है तो ऐसे में इन कंपनी से सतर्क रहने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। साथ ही साथ किसी कंपनी से जुड़ने से पहले थोड़ी छानबीन करना भी जरूरी होता है। चाहे वह आपका कोई रिलेटिव या कोई दोस्ती ही क्यू ना कह रहा हो।

आपको Network Marketing में किसी भी कंपनी से जुड़ने से पहले आपको इन सवालों के जवाब पता कर लेना चाहिए:-

  • उस कंपनी के सिद्धांत क्या है?
  • उस कंपनी के फाउंडर का रिकॉर्ड क्या है?
  • उस कंपनी में ट्रेनिंग कैसे दी जाती है?
  • क्या आप उस कंपनी के प्रोडक्ट को यूज फुल समझते हैं?
  • क्या उस प्रोडक्ट के क्वालिटी और प्राइस आपको सही लगती है?
  • क्या आपके करीबी लोग इस प्रोडक्ट को खरीदने में और यूज करने के लिए उत्साहित होंगे?
  • क्या इस कंपनी के प्रोडक्ट को इफेक्टिवली प्रमोट किया गया है?

तो ऐसे सारे सवालों के जवाब आपको बताएंगे कि क्या वह कंपनी सही है और क्या आप उस कंपनी के Network Marketing में जुड़कर अच्छा कमीशन कमा सकेंगे क्युकी दोस्तों आजकल बहुत कंपटीशन का जमाना है और थोड़ा सा ज्यादा पाने की चाह में अक्सर लोग बहुत गलत फस जाते हैं। क्युकी लोगों के पास दिखाने के लिए बहुत कुछ है लेकिन कौन कितना वास्तविक है या नहीं यह सारी जांच पड़ताल आपको ही करनी होगी इसलिए किसी की बात में नहीं आए और अपनी तरफ से आराम से टाइम लेकर सारे रिचार्ज करें और तभी आगे बढ़े क्योंकि यहां पर आपके खून पसीने की सारी कमाई लग रही होती है और आपका टाइम जा रहा होता है, तसल्ली से टाइम लेकर रिसर्च करें तभी आगे बढ़े और बाकी लोगों को भी अपने से जोड़े

ये भी पढ़े:-

  • Amazon के साथ Affiliate Marketing कैसे शुरू करे?
  • Blog क्या होता है? और Blogger Kaise Bane?
  •  How to Quickly Grow your Blog in Hindi?

निष्कर्ष:-

तो Network Marketing Kya Hai? और इससे जुड़कर किस तरीके से प्रॉफिट बनाया जा सकता है और किन बातों से सावधान रहना जरूरी होता है? यह आपने जान लिया है। इसके साथ-साथ आपको यह भी याद रखना होगा कि चाहे आप किसी कंपनी में जॉब करे या Network Marketing के जरिए कमाए मेहनत तो आपको करनी ही होगी क्योंकि बिना मेहनत के कमाया नहीं जा सकता है। हां, यह सच है कि नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़कर आप जल्दी और भविष्य के लिए अच्छी कमाई कर सकते हैं। अगर आप सही स्ट्रेटजी से चलेंगे और सही डायरेक्शन में मेहनत करेंगे तो आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।

तो हमें उम्मीद है कि आपको यह इंफॉर्मेशन पसंद आई होगी और आपकी काफी मदद भी की होगी Network Marketing Kya Hai? को समझने के लिए। तो यह पोस्ट आपको कैसा लगा और यह इस पोस्ट के बारे में आपकी क्या राय है। आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं और आप किस बारे में पोस्ट पढ़ना चाहते हैं, वह भी हमें बताएं ।

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Amazon के साथ Affiliate Marketing कैसे शुरू करे?

23/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

Affiliate Marketing
Affiliate Marketing

इंटरनेट आज हर किसी की जरूरत गया है। खुद को इंटरटेन करने से लेकर जरूरत की हर चीज आदमी इंटरनेट पर ढूंढ रहा है। मोबाइल Keypad पर उंगली दौड़ाई और आपकी सर्च डिमांड को पूरा करने में इंटरनेट 2 सेकंड भी नहीं लगाता और ऐसा अक्सर होता है कि जब भी आप फेसबुक, यूट्यूब या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भी वीडियो देख रहे होते है या किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो आपको ढेर सारे एडवर्टाइजमेंट या प्रोडक्ट के प्रमोशन दिखाई देते हैं। आप यह भी जानते होंगे कि इनसे उस वेबसाइट को, फेसबुक पेज को या यूट्यूब चैनल को कमाई भी होती है और कई बार यह कमाई तो लाखों में होती है। इस तरह के ब्रांड प्रमोशन को Affiliate Marketing कहते हैं

Affiliate Marketing क्या है?

Affiliate Marketing मार्केटिंग का एक ऐसा तरीका है जिसे कोई क्रिएटर अपने ब्लॉग पेज, यूट्यूब चैनल या वेबसाइट से किसी दूसरे कंपनी के प्रोडक्ट को प्रमोट करता है या सिफारिश करता है जिसके बदले में वह कंपनी उस व्यक्ति या क्रिएटर को कुछ कमीशन देती है। अलग-अलग प्रोडक्ट के हिसाब से अलग-अलग कमीशन होता है जो प्रोडक्ट के सेल का कुछ परसेंटेज हो सकता है या फिर एक फिक्स्ड अमाउंट भी हो सकता है Affiliate Marketing क्या है? इसके ऊपर हमने पहले एक पोस्ट में आपको बताया है आप उसे यहाँ से पढ़ सकते है :- Affiliate Marketing क्या है? Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाए?

ये भी पढ़े :-

  •  How to Write a Blog in Hindi? – Blog कैसे लिखे?
  •  How to Quickly Grow your Blog in Hindi?

ये Affiliate Marketing काम कैसे करती है?

  • कोई कंपनी जो अपना या अपने प्रोडक्ट का ब्रैंड प्रमोशन करना चाहती है वह Affiliate प्रोग्राम का प्रस्ताव रखती हैं।
  • अगर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट से उस प्रोग्राम को ज्वाइन करते हैं
  • तो वह कंपनी आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर अपने प्रोडक्ट प्रमोट करने का अधिकार देती है
  • या आपको उस प्रोडक्ट का लिंक शेयर करने का ऑप्शन देती है
  • जब आपके ब्लॉग, वेबसाइट या यूट्यूब चैनल पर आप आए हुए विजिटर उस लिंक या बैनर पर क्लिक करते हैं तो वह कंपनी की वेबसाइट पर पहुंच जाते है और कंपनी के प्रोडक्ट खरीदते हैं
  • जिसके बदले में वह कंपनी है या ऑर्गेनाइजेशन आपको कमीशन देती है जिससे आपकी कमाई होती है

क्या सभी कंपनियां Affiliate Marketing ऑफर करती हैं?

अपने ब्रैंड प्रमोशन के लिए सभी कंपनी Affiliate Marketing का ऑफर नहीं करती हैं, लेकिन सोशल मीडिया के बढ़ती पहुंच के चलते प्रोडक्ट को ग्लोबल कस्टमर तक पहुंचाने के लिए Affiliate Marketing का ट्रेंड और डिमांड दोनों ही बढ़ती जा रही है। अच्छे कंटेंट बनाकर लोग अपने अपने ब्लॉग,वेबसाइट या फेसबुक पर या फिर सोशल मीडिया चैनल से अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं क्योंकि कंटेंट जितना बेहतर होगा आपकेचैनल, ब्लॉग या वेबसाइट पर उतने ज्यादा विजिटर्स या सब्सक्राइबर्स होंगे और आपकी कमाई के चांसेस भी उतने ही बढ़ते जाएंगे

Amazon के साथ कैसे करें Affiliate Marketing?

USA में सक्सेसफुल Affiliate Marketing होने के बाद Amazon ने इंडियन में भी इस प्रोग्राम को लांच किया जो ब्लॉग पब्लिशर और कंटेंट क्रिएटर के लिए कमाई का एक अच्छा स्रोत बन गया है। क्योंकि Amazon पर किताब से लेकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, घर की जरूरत की सारी चीजें और भी लाखों तरह के प्रोडक्ट बिकते हैं और वह प्रोडक्ट आपके कंटेंट, ब्लॉग या वेबसाइट के दिए हुए रेफरल से बिक रहा है तो ऐमेज़ॉन 2% से लेकर 10% तक का कमीशन देता है।Affiliate Marketing

Amazon के साथ Affiliate Marketing कैसे शुरू करे?

  1. आप गूगल पर जाइए और एड्रेस बार में Amazon Affiliate Program सर्च कीजिए।
  2. सर्च रिजल्ट में amazon.in ऑफिशल वेबसाइट के साथ Amazon Affiliate का लिंक दिखेगा।
  3. क्लिक करते ही आप सीधा Amazon Associates पर पहुंच जाएंगे।
  4. जहां पर है आपको Amazon Affiliate Marketing के बारे में कुछ बेसिक जानकारी मिलेगी
  5. उसी के नीचे Sign Up का बटन भी दिखेगा।
  6. इस पर क्लिक करते ही आप से Sign Up करने के लिए सभी डिटेल्स मांगी जाएगी।
  7. अगर आप पहली बार इस प्रोग्राम में पहली बार आवेदन कर रहे हैं तो  Create your Amazon account पर क्लिक करना होगा और फिर Sign In पर क्लिक करना होगा।
  8. क्लिक करने के बाद आपको बाकी मांगे जा रहे डिटेल्स डालनी है
  9. सबसे नीचे For U.S. tax purposes का ऑप्शन आएगा आप उसको No सेलेक्ट करना होगा।
  10. उसके बाद आपको अपने वेबसाइट या ब्लॉग की डिटेल भरनी होगी।
  11. अगर आपके पास वेबसाइट नहीं है तो आप अपने यूट्यूब चैनल का लिंक भी डाल सकते हैं।
  12. फिर आपका Amazon Associates अकाउंट क्रिएट हो जाएगा।

अकाउंट बनाते हुए Amazon आपसे पूछेगा कि आप अपने ब्लॉग या चैनल पर किस तरह के ऐड्स डिस्प्ले करवाना चाहते हैं तो आप दिए गए ऑप्शंस को सेलेक्ट कर सकते हैं। अकाउंट में लॉग इन करने के बाद आप Search for a Product का ऑप्शन दिखेगा जहां पर आप कोई भी प्रोडक्ट सर्च कर सकेंगे और उसका लिंक अपनी वेबसाइट, ब्लॉग या यूट्यूब चैनल पर शेयर कर सकते हैं। अगर उस लिंक के जरिए कोई भी व्यक्ति इस प्रोडक्ट को खरीदता है तो उससे आपकी कमाई शुरू हो जाएगी

Amazon Affiliate Marketing से कितना कमा सकते है ?

Affiliate Marketing

अगर आप अपने अकाउंट सेटिंग में जाकर View Your Payment Plan पर क्लिक करेंगे तो आपको वहां पर किस प्रोडक्ट पर कितना कमीशन मिलेगा उसकी लिस्ट दिखाई देगी जिसे अमेजॉन अपने हिसाब से डिसाइड करता है जैसे :-

  • Shoes पर 12%
  • मोबाइल पर 4 %
  • और बुक्स पर 10%

बिना वेबसाइट, ब्लॉग या यूट्यूब चैनल के भी Affiliate Marketing किया जा सकता है?

  •  जी हां बिल्कुल कर सकते हैं,
  • अकाउंट बनाने के बाद आप जिस भी प्रोडक्ट का लिंक जनरेट करेंगे उसे आप अपने व्हाट्सएप से अपने दोस्तों, अपने रिलेटिव या अपने चाहने वालों को भी भेज सकते हैं
  • या फिर अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर, टिंडर आदि सोशल मीडिया पर भी डाल सकते हैं।
  • अगर वह इस लिंक पर क्लिक करके कोई सामान खरीद लेते हैं तो आपको उसका कमीशन मिलेगा।

आप अपनी इनकम को कैसे निकालेंगे?

  • आपकी मेहनत की कमाई 1 महीने बाद अपने आप आपके दिए हुए बैंक अकाउंट में आ जाएगी,
  • लेकिन आपकी मिनिमम इनकम ₹1000 होनी चाहिए या उससे ज्यादा होने चाहिए।

Amazon Affiliate Marketing प्रोग्राम में अपना अकाउंट बनाने में कोई भी मुश्किल न आये इसके लिए Amazon ने अपनी वेबसाइट https://affiliate-program.amazon.in पर कुछ आसान टिप्स भी दिए हैं जिन्हें पढ़कर आप डिटेल में जानकारी ले सकते हैं। Affiliate Marketing के बढ़ते ट्रेंड और इसमें कमाई का अच्छा स्कोप होने के चलते कई कई कंपनीयां आजकल Affiliate मैनेजर के तौर पर लोगों को रिक्रूट भी करती है ऐसे में जिनको इस फील्ड की अच्छी जानकारी है, वह Affiliate मैनेजर के तौर पर अपना करियर भी बना सकते हैं। अगर आप naukri.com या फिर किसी और जॉब पोर्टल पर Affiliate Marketing की जॉब सर्च करेंगे तो आपको कई बार JOB ओपनिंग भी दिख जाएँगी।

ये भी पढ़े :-

  •  Blog क्या होता है? और Blogger कैसे बने?
  • YouTube Marketing क्या होता है?

Affiliate Marketing से कितना कमा सकते है?

कई ऐसे व्यक्ति है जो Amazon India से Affiliate Marketing के जरिए महीने से ₹50000 तक कमा लेते हैं। इससे अच्छी बात यह है कि कोई भी व्यक्ति एफिलिएट प्रोग्राम में अकाउंट बनाकर अपनी कमाई शुरू कर सकता है। इसके लिए किसी स्पेशल क्वालिफिकेशन या डिग्री की जरूरत नहीं है। लेकिन हां चीजों को समझने के लिए आपकी बेसिक इंग्लिश सही होनी चाहिए और आगे आप की कमाई कितनी होगी यह आप की मेहनत पर डिपेंड करता है और इस पर भी डिपेंड करता है कि आप के ब्लॉग, वेबसाइट या यूट्यूब चैनल पर विजिटर्स कितने आ रहे हैं या सब्सक्राइबर्स कितने है

तो अगर आपको ये पोस्ट अच्छा लगा और Affiliate Marketing के बारे में आप की बेसिक नॉलेज थोड़ी भी क्लियर हो गई हो तो आप सिर्फ Amazon के कस्टमर बनकर कर ही मत रहिए। अगर आपके पास एक ब्लॉग, यूट्यूब चैनल या फिर वेबसाइट है तो आप Amazon के Affiliate Marketing प्रोग्राम में खुद को रजिस्टर करिए और पैसे कमाइए

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How to Write a Blog in Hindi? – Blog कैसे लिखे?

14/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

How to Write a Blog in Hindi?
How to Write a Blog in Hindi?

आज हम एक ऐसे विषय पर आपको जानकारी देने वाले हैं जिसके बारे में काफी लोग जानना चाहते हैं और यह वह लोग हैं जिन्होंने अभी अभी नया Blog बनाया है या फिर ब्लॉगिंग करना चाहते हैं

ब्लॉगिंग पैसे कमाने का एक ऐसा जरिया है जिसमें आपका कोई बॉस नहीं होता जो आपको हर वक्त आपको यह बताते रहे कि आपको क्या करना है, कैसे करना है और कब करना है। इस प्रोफेशन में आपका मालिक आप खुद ही होते हैं। और इसमें आपको काम करने की पूरी आजादी मिलती है। इसीलिए आज के युवा ब्लॉगिंग में करियर बनाना पसंद करते हैं ताकि वह अपने हिसाब से काम कर सके। हालांकि अन्य प्रोफेशन की तरह ब्लॉगिंग में भी काफी मेहनत करनी पड़ती है और उसमें ज्यादा समय देना लाभदायक साबित होता है। ब्लॉगिंग करने के लिए धैर्य बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है। इसीलिए आपको अपनी काबिलियत पर भरोसा रखते हुए निरंतर काम करते हुए जाना है जब तक कि आपको सफलता नहीं मिल जाती। अपना Blog तैयार करने के बाद जो सबसे ज्यादा चीज जरूरी है, वह है वह है आपका पहला Blog पोस्ट!  क्योंकि जब आपके रीडर आपके ब्लॉग पर आएगा तो सबसे पहले आपका कंटेंट देखेगा कि आपने किस विषय पर क्या लिखा है। इसीलिए ब्लॉगिंग में सफल होने के लिए आपको पता होना चाहिए कि आपको अपने Blog में क्या और How to Write a Blog ? – Blog कैसे लिखे? अगर आपको भी यह सवाल परेशान करता है तो आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

  • दोस्तों Blog के बारे में हमने आपको पहले एक पोस्ट में जानकारी दी है पोस्ट का नाम है।
  • Blog क्या होता है? और Blogger कैसे बने?
  • अगर आपने यह पोस्ट नहीं पढ़ा है? तो आप यह भी पढ़ सकते हैं।
  • उससे आपको ब्लॉग के बारे में आईडिया मिल जाएगा कि यह होता क्या है?

Blog लिखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना होता है?

How to Write a Blog in Hindi?
How to Write a Blog in Hindi?

जब कोई नया ब्लॉगर अपना Blog तैयार करता है तो उसके बाद उसका नया कदम होता है Blog के लिए पोस्ट लिखना जिसे हम आर्टिकल भी कहते हैं। लेकिन यह Blog पोस्ट होती क्या है? किसी भी ब्लॉग में कई सारे अलग-अलग विषय पर जो लेख या आर्टिकल लिखे रहते हैं उसे ही हम Blog पोस्ट कहते हैं।

  • Blog पोस्ट में टेक्स्ट, इमेज, ग्राफिक्स या वीडियो के रूप में एक कंटेंट लिखे जाते हैं।
  • आपने Blog चाहे किसी भी उद्देश्य से बनाया है पर्सनल काम के लिए या बिजनेस के लिए आपके Blog का कंटेंट Blog की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता  है।
  • किसी भी Blog का पहला पोस्ट यह बताती है कि इस ब्लॉग पर किस विषय में जानकारी मिलने वाली है
  • जैसे टेक्नोलॉजी, गेजेट्स, रिव्यू, स्पोर्ट्स, हेल्थ, एजुकेशन, इंटरटेनमेंट, साइंस, ब्लॉगिंग, इंटरनेट आदि।

आप चाहे किसी भी विषय पर अपना Blog बनाए लेकिन आपको बस एक चीज का आपको ध्यान रखना है कि आपका पहला पोस्ट को पढ़ने के बाद विजिटर की इच्छा करें कि वह आपके Blog पर दोबारा वापस आए और निराश होकर वापस ना जाए

  • यूजर को जो जानकारी चाहिए उसे आपके Blog पर मिले तभी आपका Blog पोस्ट गूगल के पहले पेज पर रैंक करेगा
  • जिससे आपके Blog पर बेशुमार ट्रैफिक आना शुरू हो जाएगा

ब्लॉग पर आर्टिकल कैसे लिखें?

Blog बनाने से पहले ही लोग इसकी प्लानिंग कर लेते हैं की सबसे पहले आर्टिकल क्या और किस विषय पर लिखेंगे, लेकिन जब लिखने की बारी आती है तब समझ नहीं आता कि शुरुआत कैसे करें? कौन सी जानकारी कब देनी है? आखिर में क्या लिखना है? और हमारा आर्टिकल कितने शब्दों में होना चाहिए? यह सारी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। Blog बनाने से पहले आपने काफी रिसर्च भी किया होगा और आप यह अच्छी तरह से जानते होंगे कि गूगल उन्ही आर्टिकल्स को सर्च इंजन में टॉप करता है जिनका कांटेक्ट यूनिक होने के साथ-साथ लंबा यानी कि ज्यादा शब्दों में होता है। इसीलिए शुरुआती दिनों में एक ब्लॉगर को आर्टिकल लिखते समय काफी तकलीफ उठानी पड़ती है। इसीलिए आज हम इस तकलीफ को कम करने के लिए कुछ जरूरी टिप्स देंगे जिनका उपयोग करके आप अच्छे आर्टिकल लिख पाएंगे।

How to Write a Blog in Hindi?
How to Write a Blog in Hindi?
  1. कोई भी आर्टिकल लिखने से पहले आपको ऐसे टॉपिक का चुनाव करना है जिसके बारे में बहुत कम लोगों ने लिखा है
  2. या फिर ऐसे टॉपिक्स के ऊपर लिखने हैं जिसका सर्च वॉल्यूम ज्यादा है।
  3. सर्च वॉल्यूम का मतलब जिस विषय के बारे में ज्यादा सर्च करते हैं

कुछ ऐसी वेबसाइट से जहां आप मुफ्त में किसी भी टॉपिक का सर्च वॉल्यूम पता कर सकते हैं जैसे:-

  • Semrush
  • Google Trends
  • Google Keyword Planner
  • Ubersuggest’s Free Keyword Tool
  • LongTailPro

इन वेबसाइट्स में आपको किसी एक टॉपिक को एक महीने में कितना सर्च किया गया है वो बताये रहता है साथ ही इनमें ये बताया गया होता है कि उस टॉपिक का कंपटीशन ज्यादा, मध्यम या कम है। अगर उस टॉपिक का कंपटीशन ज्यादा हुआ तो आपका आर्टिकल गूगल में जल्दी रैंक नहीं करेगा क्योंकि उसके ऊपर पहले से ही बड़े-बड़े Bloggers आर्टिकल लिख चुके हैं। इसीलिए बेहतर होगा कि आप मध्यम या कम कंपटीशन वाला टॉपिक चुने, जिसका सर्च वॉल्यूम भी ज्यादा हो और उसी पर आर्टिकल लिखें। टॉपिक चुनने के बाद आपको उस टॉपिक से रिलेटेड की वर्ड को सर्च करना जरूरी है ताकि आप उन की वर्ड्स पर अपने आर्टिकल में डाल सके। कीवर्ड को सर्च करने के लिए आप उन्ही वेब साइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनके बारे में हम आपको पहले वाले टिप्स में बताया है।

टॉपिक के बारे में पूरी जानकारी कहां से लाये?

वैसे तो आप उन्हीं आर्टिकल्स को चुनेंगे जिनके बारे में आपको ज्ञान है, लेकिन उससे जुड़ी और भी जानकारी प्राप्त करना आपके लिए जरूरी है ताकि आप अपने आर्टिकल में उस टॉपिक की पूरी जानकारी प्रदान कर सकें। इसके लिए आपको उस टॉपिक से जुड़े पांच छह आर्टिकल दूसरे Blog से पढ़ने होंगे। जहां पर आपको एक बात का ध्यान रखना कि आपको उनका आर्टिकल कॉपी पेस्ट नहीं करना है। बल्कि उनसे जानकारी हासिल करनी है और फिर उन्हें अपने शब्दों में यूनिक तरीके से लिखना है जिससे कि यूजर को पढ़ते वक्त पसंद आए।

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मेन  हैडिंग क्या होगा?

How to Write a Blog in Hindi?
How to Write a Blog in Hindi?

हेडिंग्स क्या होंगे और कहां-कहां पर क्या-क्या जानकारी देनी है। उसके बाद सब एक के बाद एक सरल रूप से लिखना है जिससे कि लोगों को आर्टिकल पढ़ने में अच्छा लगे और साथ ही सही जानकारी मिले। एक बात का ख्याल रखें की मेन हैडिंग लिखने से पहले आपको अपनी पोस्ट का इंट्रोडक्शन लिखना जरूरी है।

  • आप इंट्रो को पांच से सात लाइन तक ही रखें
  • जिससे कि लोगों को यह समझ में आए कि इस आर्टिकल में किस विषय के बारे में जानकारी मिलने वाली है।
  • आपको अपने इंट्रो में टॉपिक से रिलेटेड एक कीवर्ड जो आपने पहले से सर्च करके रखा है,
  • इंट्रोडक्शन के बाद मेन हैडिंग लिखे उसके बाद सब हेडिंग लिखे
  • मान लीजिए कि आपका मेन हैडिंग कंप्यूटर क्या है? तो आपका सब हेडिंग होगा कंप्यूटर का इतिहास,  कंप्यूटर के पार्ट्स, जनरेशन ऑफ कंप्यूटर इत्यादि
  • पोस्ट से संबंधित कीवर्ड्स का प्रयोग जरूर करें
  • और उस कीवर्ड्स को बोल्ड में रखें ताकि आपका आर्टिकल गूगल पेज पर रैंक होने में आसान हो जाए।

आर्टिकल को कितने शब्दों में लिखना होगा ?

आर्टिकल लिखने के लिए कोई मापदंड तो जारी नहीं किया गया है। लेकिन कई सारे शोध से पता चला है की गूगल और अन्य सर्च इंजन 600 से 2000 शब्दों में लिखे गए पोस्ट को ज्यादा प्रेफरेंस देता है। इसीलिए अच्छा यही होगा कि आप अपने आर्टिकल को कम से कम 600 शब्दों में जरूर लिखें। अंत में जब सारी जानकारी पूरी हो जाने के बाद आप उनके बारे में छोटा सा कन्फ्यूजन भी लिख सकते हैं।

  • आपके द्वारा लिखे गए कंटेंट के बारे में कंक्लुजन लिखना जरूरी है।
  • यह 4 से 5 लाइन का होना चाहिए
  • इससे रीडर को यह समझ में आना चाहिए कि आपने किन-किन बातों को कवर किया है।
  • अगर रीडर से कोई पॉइंट छूट गया है तो संभावना है कि देखने के लिए आर्टिकल पर जरूर जाएंगे कि उन्होंने क्या मिस किया है?

Copyright फ्री Images कहा से लाये?

आर्टिकल पूरा लिखने के बाद आपको अपने पोस्ट में एक इमेज भी डालने होगी जो आपके कंटेंट से संबंधित है। इमेज आपको मुफ्त में जो भी उपलब्ध होती है, उनका इस्तेमाल करना है वरना आपके Blog पर कॉपीराइट आ जाएगा इसीलिए मुफ्त में इमेज डाउनलोड करने के लिए कुछ ऐसे वेबसाइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जहां से आप कोई इमेज डाउनलोड करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

  • Freerange
  • Unsplash
  • Pexels
  • Flickr
  • Life of Pix
  • StockSnap
  • Pixabay
  • Wikimedia
आपने आर्टिकल लिख लिया, मेन हैडिंग, सब हेडिंग, कीवर्ड्स कंक्लुजन दे दिया, उस पर इमेज भी डाल दी, बस हो गया आपका आर्टिकल तैयार अब आपको इसे पब्लिश कर देना है
  • ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस तक कंटेंट पहुंचाने के लिए अपने आर्टिकल को सोशल मीडिया पर शेयर करना है।
  • दोस्तों सिर्फ Blog बना लेने से आप एक अच्छे ब्लॉगर नहीं बन सकते।

  • उसके लिए आपको अपने Blog पर लगातार अच्छे-अच्छे कंटेंट डालने की आवश्यकता है
  • जिससे कि आपके ऑडियंस आपके काम से खुश हो और उनकी सहायता भी हो सके।
  • ध्यान रहे कि आपको किसी दूसरे के Blog से आर्टिकल उठाकर अपने Blog पर नहीं डालना है।
  • बल्कि अपनी सोच और अपने शब्दों में उसी टॉपिक पर एक अच्छा लेख लिखना है।

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आर्टिकल लिखने में जल्दबाजी करने की भी जरूरत नहीं है। आप जो भी लिखें चाहे उसमें जितना भी समय लगे बस आपको एक अच्छा और क्वालिटी कंटेंट ही प्रस्तुत करना है

तो हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट How to Write a Blog ? पसंद आई होगी और इससे उन लोगों को भी फायदा मिलेगा जिन्हें आर्टिकल लिखने में परेशानी होती है जिन्हें पता नहीं कि How to Write a Blog ? और यूनीक आर्टिकल कैसे लिखते हैं। आर्टिकल को अचे तरीके से लिखना जिससे कि दूसरे के हेल्प हो सकती है ऐसे आर्टिकल ही आपको एक बेहतर Blogger बना सकते हैं तो अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर कीजिए ताकि बाकी लोगों तक यह जानकारी पहुंच सके।

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How to Quickly Grow your Blog in Hindi?

09/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

How to Quickly Grow your Blog?
How to Quickly Grow your Blog?

मान लीजिए कि आप बहुत अच्छा Content लिखते हैं, लेकिन फिर भी आपका ब्लॉग ग्रो नहीं कर पा रहा है तो इसका रीजन क्या हो सकता है? हो सकता है कि आप यह सोचने लगे हो कि आप अच्छा Content नहीं लिख पा रहे हैं, जबकि इसकी  वजह कुछ और भी हो सकती हैं और बहुत सारे हो सकते हैं। इसलिए अपनी ब्लॉगिंग से निराश होने की जरूरत बिल्कुल नहीं है क्युकी हम आपको बताने वाले है How to Quickly Grow your Blog? और ब्लॉगिंग के वह सिंपल और इंपोर्टेंट टिप्स जो आपके ब्लॉग को ग्रो करने में सहायता करेंगे

इन 13 सवालों के जरिए जानते है How to Quickly Grow your Blog?

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1. क्या आपकी Site या ब्लॉग को यूज करना आसान है?

अपनी साइट या Blog को अट्रैक्टिव बनाना तो सबको याद रहता है लेकिन अक्सर हम यह भूल जाते हैं कि साइट पर विजिट करना भी आसान होना चाहिए। तभी तो ऑडियंस आसानी से आप तक पहुंच पाएगी और बार-बार आपके Blog पर आना चाहेगी।

  • इसीलिए आप अपनी Site या Blog को आसान बनाने के लिए क्लियर नेवीगेशन रखिए।
  • आपका सर्च बॉक्स ऐसी जगह यूज कीजिए जहा वह आसानी से दिखाई दे जाए।
  • ताकि रीडर्स अपनी पसंद का कंटेंट सर्च कर सके।
  • अपने ब्लॉग को मोबाइल फ्रेंडली बनाइए ताकि ज्यादा रीडर तक आपके ब्लॉक की पहुंच हो सके।

याद रखे अगर एक रीडर के तौर पर आपको अपनी Site या Blog पसंद नहीं आ रही है या समझने में प्रॉब्लम आ रही है तो यह आपके रीडर्स के लिए भी यूज करना आसान नहीं होगा।

2. क्या आपके Site या Blog को ओपन होने में ज्यादा टाइम लगता है?

हम सब स्पीड को बहुत पसंद करते हैं और ये तब ज्यादा जरूरी हो जाता है जब रीडर के पास ढेर सारे Site या Blog के ऑप्शन मौजूद हो, ऐसे में तो पहले आओ पहले पाओ का फॉर्मूला ही काम करेगा। यानी कि जिस का Site या Blog फटाफट ओपन होगा उस पर ज्यादा विजिटर्स पहुंचेंगे और जो साइट बहुत स्लो होगी उस पर ग्रेट Content होने के बावजूद भी कोई नहीं जाना चाहेगा। इसीलिए अपनी साइट की स्पीड बढ़ाइए क्योंकि जमाना स्पीड का है और यह तो गूगल नहीं बता रखा है कि कौन सी साइट उसके सर्च रैंकिंग में कहां आएगी यह उस Blog या Site की पेज स्पीड पर बहुत हद तक डिपेंड करेगा।

  • इसलिए स्पीड को बढ़ाइए
  • आप उसके लिए गूगल के Pingdom और PageSpeed Insights का यूज कर सकते हैंHow to Quickly Grow your Blog?
  • और अगर इसके बाद भी आपके साइड स्पीड स्लो है तो यह सरवर प्रॉब्लम हो सकता है।
  • इसीलिए सही होस्टिंग लेना भी जरूरी है।

3. क्या आप ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर ब्लॉग लिखते हैं?

यूट्यूब की तरह ब्लॉगिंग में भी ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर फोकस करना होता है क्योंकि सबको जानना होता है कि उनके आसपास क्या चल रहा है ऐसे में अगर आप अपने फील्ड के ट्रेंडिंग टॉपिक्स के बारे में अधिक इंफॉर्मेशन एक यूनिक स्टाइल में लिखेंगे तो आपके रीडर्स इंप्रेस हुए बिना नहीं रह पाएंगे क्योंकि आप उन्हें वह प्रोवाइड करवा रहे हैं जिनकी उन्हें जरूरत थी

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4. क्या आप वाकई में अच्छा Content डालते हैं?

क्या आप अपनी ऑडियंस को ध्यान में रखकर ही Content डालते हैं जो उन्हें खुश कर सकते हैं क्या उनके प्रॉब्लम के सॉल्यूशन आपके ब्लॉक में होते हैं? क्या ऑडियंस आपके ब्लॉग में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें टाइम का पता ही नहीं चलता? अगर ऐसा होगा तो आपका ब्लॉक जरूर अच्छा होगा। लेकिन अगर कुछ मिसिंग है तो कुछ पॉइंट्स को समझ लीजिए।

  • ऐसा Content लिखे जो आपकी ऑडियंस को अपना सा लगे
  • उन्हें ऐसा लगे कि उनका कोई अपना उनसे बात कर रहा है, कहानी सुना रहा है या उनकी प्रॉब्लम को सॉल्व करके उनकी लाइफ को आसान बना रहा है।
  • हेड लाइन क्लियर, इंप्रेसिव और समझने में आसान बनाइए क्योंकि उससे अट्रैक्ट होकर ही एक रीडर आपके ब्लॉग को पढ़ने के लिए तैयार हो पाएगा।
  • एक जैसा Content देने की वजह अलग अलग Content शेयर कीजिए।
  • आपकी फील्ड के कंपटीशन को देखकर अपनी तरफ से बेस्ट और यूनीक कंटेंट पोस्ट कीजिये।
  • विजुअल्स की हेल्प लीजिए ताकि फोटोज, वीडियोज और इंफोग्राफिक आपके रीडर्स को मजेदार बना सके।
  • अपने Content को लाइट, फ्रेश और इंटरेस्टिंग रखिये क्योंकि हैवी वर्ड्स एंड नॉलेज किसी को नहीं चाहिए।
  • छोटे पैराग्राफ में अपनी बात कहिए ताकि पढ़ना आसान हो और बोरियत भी ना हो।
  • अपनी ब्लॉक में सभी हेडिंग डालिए और इंर्पोटेंट टॉपिक्स को हाईलाइट कीजिए।

कुल मिलाकर वह सब कीजिए, जो आप अपने बात को आसानी से और इंटरेस्टिंग तरीके से बताने के लिए कर सकते हैं। जैसा की आप अपने स्कूल या कॉलेज के दिनों में एग्जाम्स पेपर में करते होंगे ताकि आपको अंक अचे मिले बस उसे ही तरह यहां पर भी आपको ऐसा ही करना है।

  • आपका Content सोशल मीडिया पर इसलिए शेयर किया जा सके इसके लिए आसानी से दिखाई देने वाला सोशल शेयरिंग बटन यूज कीजिए
  • और अपने रीडर्स को कमेंट करके अपने आइडियाज और सजेशन बताने के लिए एंकरेज भी करें।

5. क्या आपका कंटेंट सर्च इंजन की लिए ऑप्टिमाइज है?

आपका Content और Site आसानी से रीडर्स को दिखाई दे और वह सर्च इंजन पर उसे ओपन कर सके इसके लिए आपकी Site का सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन होना जरूरी है। क्युकी सोचिए आपका Content सर्च इंजन पर दिखाई ही ना दे तो उस तक कोई पहुंचेगा कैसे?

How to Quickly Grow your Blog?

  • इसके लिए आपको Meta Description को ऑप्टिमाइज करना होगा
  • Meta Description आपके पेज के शॉर्ट Descriptions होते हैं जो शार्ट HTML कोड का यूज करके लिखा जाता है और आप इन्हे ऑप्टिमाइज साइट के सोर्स कोड को देख सकते हैं।
  • मुख्य कीवर्ड्स ऐड करने होंगे।
  • पेज टाइटल को 8 शब्दो तक रखने की कोसिस करे।
  • अपने URL को शार्ट रखते हुए उसमें Keywords का यूज करना होगा
  • मेन Keywords को टाइटल में जोड़ना होगा
  • अपने पोस्ट को इंटरनल लिंक करके भी आप ज्यादा रीडर्स तक पहुंचा सकते हैं।

6. क्या आप Content Analysis Tools का यूज करते हैं?

How to Quickly Grow your Blog?

अगर आप अपने Content को हर बार बेहतर बनाने के बाद पेश करना चाहते हैं तो Content Analysis Tools की मदद लीजिए जो आपके कांटेक्ट की परफॉरमेंस और क्वालिटी को बेहतरीन बनाते हैं और हर बार आपकी ऑडियंस तक रिलेवेंट और क्वालिटी कंटेंट पहुंचाने में आपकी मदद करते हैं।

  • इसके लिए आप Google Analytics और Google Search Console जैसे Tools का इस्तेमाल कर सकते हैं।

7. क्या आप अपनी Site में वीडियो भी डालते हैं?

अपने Blog को Grow करने का एक यह भी एक आसान तरीका है कि उसी तरह के टॉपिक पर वीडियो भी बनाएं जिस पर आपने Blog पोस्ट किया है और उसे Site पर भी डाले यानी अपनी Site पर सेम टाइप की टॉपिक पर वीडियो डाल करके रीडर्स का इंटरेस्ट बढ़ा सकते हैं और वह Blog रीड करने के साथ-साथ विजुअल भी देखना पसंद करेंगे। ऐसे में आपकी वेबसाइट को तो फायदा होगा ही साथ में आपके यूट्यूब चैनल को भी बेनिफिट होगा।

8. क्या आप सोशल मीडिया पर अपने Blog को प्रमोट करते हैं?

How to Quickly Grow your Blog?
How to Quickly Grow your Blog?

आज के समय में मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया बेस्ट प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है इसलिए अगर आप अपने ब्लॉग को सोशल चैनल पर प्रमोट नहीं कर रहे हैं तो अबसे करना शुरू कर दीजिए।

  • इसके लिए अपनी Site पर सोशल मीडिया फॉलो बटन का यूज कीजिए।
  • सोशल चैनल पर हाई क्वालिटी का कंटेंट जल्दी-जल्दी पोस्ट करते रहिए।
  • लाइव वीडियोस के जरिए अपने ऑडियंस से पर्सनल कनेक्शन बनाइए।
  • अपना एक फेसबुक ग्रुप बना लीजिए जो आपके फील्ड के Bloggers को सपोर्ट करें।
  • दूसरे Bloggers के साथ Collaboration करें या सहयोग करे।

9. क्या आपके Blog पर गेस्ट पोस्ट अवेलेबल है?

अपने काम को बहुत सारे लोगों तक पहुंचाने का आसान तरीका है Guest Post, जिसमें आप किसी और Blogger के Blog पर गेस्ट पोस्ट डाल सकते हैं। और दूसरे Bloggers को अपने ब्लॉग पर गेस्ट पोस्ट के लिए इनवाइट कर सकते हैं।

  • आपको ऐसे Bloggers और Site को ही चुनना है जिनकी ऑडियंस प्रोफाइल आपके Blog से मिलता हो ताकि वह ऑडियंस आपके Blog पर भी विजिट करना चाहे

 10. क्या आप अपने Blog पर Backlinks का यूज करते हैं?

जब एक Webpage किसी दूसरे पेज से लिंक करता है तो उसे बैकलिंक कहते हैं और एक Site  के पास जितने ज्यादा Backlinks होते हैं उसे सभी सर्च इंजन पर उतनी ही High Ranking मिलती है

  • Backlinks से Organic रैंकिंग इंप्रूव होती है।
  • रेफरल ट्रैफिक मिलता है
  • लेकिन अपनी साइट पर बहुत सारे बैकलिंक लानी की वजह क्वालिटी बैकलिंक्स लगाने की कोशिश कीजिए।
  • अच्छे कंटेंट और गेस्ट ब्लॉगिंग के जरिए आप अपने ब्लॉग के लिए क्वालिटी बैकलिंक्स ला सकते हैं।

11. क्या आपने Paid Campaigns ट्राई किया है?

सोशल मीडिया और गेस्ट पोस्ट आपके ब्लॉग को प्रमोट तो करती है लेकिन अगर आप जल्दी और बड़े लेवल पर अपने ब्लॉग को टारगेटेड ऑडियंस तक पहुंचाना चाहते हैं तो Paid Campaigns का यूज करें जो PPC यानी Pay-per-click या PPI यानी Pay-Per-Impression जैसे Paid  एडवरटाइजिंग टाइप्स के जरिए आपके ब्लॉक को प्रमोट करता है

12.क्या आप Email Newsletter का यूज़ करते हैं?

Email Newsletter का यूज़ यूज़ करके आप अपने रीडर्स से डायरेक्ट कनेक्शन बना सकते हैं क्योंकि आपके रीडर्स को डायरेक्ट उनके इनबॉक्स में आपका मैसेज रिसीव होगा और Email तो सभी चेक करते ही हैं,

  • लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप इनट्रस्टेड रीडर को ही ईमेल कर रहे हैं
  • क्योंकि जिन्हे आपके ब्लॉग से मिलने वाली इंफॉर्मेशन की जरूरत नहीं है उनके लिए यह Email Newsletter एकदम बेकार है और उन्हें यह परेशान भी कर सकता है।
  • अपने रीडर्स को लेटेस्ट Blog के अपडेट देने के लिए आपको अपने Blog पर नोटिफिकेशन Plugin का न्यूज़ भी करना चाहिए

ये भी पढ़े :-

  •  Affiliate Marketing क्या है? Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाए?
  • YouTube Marketing क्या होता है?

तो दोस्तों इन 12 सवालों में आपको How to Quickly Grow your Blog के इंपोर्टेंट टिप्स मिल गए होंगे और आप समझ गए होंगे कि अपने Blog की ग्रोथ के लिए आपको क्या करना चाहिए? उम्मीद करते हैं कि How to Quickly Grow your Blog से जुड़े सारी जानकारी आपको मिल गई है। फिर भी अगर कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर शेयर करें।

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Blog क्या होता है? और Blogger Kaise Bane?

08/05/2021 by kaisehoga Leave a Comment

Blogger Kaise Bane?
Blogger Kaise Bane?

इंटरनेट का इस्तेमाल हम लोग हर दिन करते हैं और मनचाहे जानकारी गूगल पर सर्च करके हासिल कर लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमें जानकारी कैसे मिलती है? सभी जानकारी जो हम गूगल पर सर्च करके हासिल कर लेते है वो सभी जानकारी हमे Blog से मिलती है।

लोगों में सरकारी और प्राइवेट नौकरी पाने की इच्छा तो होती है लेकिन आज के समय में हमारे देश में बेरोजगारों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई है इसीलिए आज के युवा खाली हाथ घर पर बैठना नहीं चाहते और पैसे कमाने का जरिया ढूंढते रहते हैं ताकि वह अपनी पहचान बना सके। आज के समय में एक बेहतर करियर बनाने और पैसे कमाने का सबसे अच्छा तरीका ब्लॉग्गिंग को माना जा रहा है। क्योंकि इसमें धन के साथ-साथ लोगों को लोकप्रियता भी मिलती है। इसीलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको Blog क्या होता है? और Blogger Kaise Bane? इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

तो चलिए सबसे पहले जानेंगे कि Blog क्या होता है?

  • Blog एक अंग्रेजी शब्द है जो कि Web Blog शब्द का छोटा नाम है जिसकी शुरुआत 1998 में हुई थी।
  • यह गूगल द्वारा दी गई फ्री सर्विस है इसके जरिए एक व्यक्ति अपनी बातों को पूरी दुनिया के साथ शेयर कर सकता है।
  • इन Blog का उपयोग लोग अपने विचारों को आसानी से दूसरों तक पहुंचाने के लिए करते हैं।
  • इस Blog पर लिखी गई पोस्ट हर उस व्यक्ति तक पहुंचती है जो गूगल पर उसके बारे में सर्च करता है।

Blog एक वेबसाइट की तरह होता है जिसे बिल्कुल फ्री में बनाया जा सकता है और गूगल ने इसका इंटरफेस इस प्रकार बनाया है जिससे हर कोई आसानी से इसे इस्तेमाल कर सकता है। वेबसाइट और Blog में बस इतना सा फर्क है कि वेबसाइट बनाने के लिए कई तरह की वेब डिजाइनिंग और प्रोग्राम की जानकारी होनी जरूरी होती है और इसे बनाने में पैसे भी लगते हैं, जबकि Blog एक फ्री सर्विस है जिसे बनाने के लिए एक वेबसाइट की जरूरत होती है।

Blogger.com, WordPress.com या Joomla आदि के जरिए कोई भी व्यक्ति अपना Blog बड़े ही आसानी से और बहुत जल्दी बना सकते हैं।

  • एक Blog को कोई एक व्यक्ति या कोई एक टीम द्वारा चलाया जाता है।
  • Blog लोगों के बीच में बहुत लोकप्रिय है और लगभग सभी इसका प्रयोग करना पसंद करते हैं।
  • शुरुआत के दिनों में बुक Blog को मुफ्त में बनाया जा सकता है
  • और फिर बाद में अपनी जरूरत के हिसाब से उसमें बदलाव भी किया जा सकता है क्योंकि मुफ्त Blog में सभी तरह के विशेषताएं नहीं होती है।
  • Blog का आकार वेबसाइट की तुलना में छोटा होता है।
  • इसीलिए Blog को डिजिटल डायरी भी कहा जाता है।

Blog में आर्टिकल फोटोस, वीडियोस और एक्सटर्नल मौजूद रहता है और Blog के कंटेंट को Blog पोस्ट कहा जाता है। इन Blog पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा सकता है। जैसे :-

    1. फेसबुक,
    2. इंस्टाग्राम,
    3. LinkedIn या
    4. Twitter

Blog लिखा क्यों जाता है?

Blogger Kaise Bane?
Blogger Kaise Bane?

15 से 20 साल पहले लोग डायरी, पत्रिका या अपने सुझाव या कुछ महत्वपूर्ण बातें लिखा करते थे और सबके साथ अखबार और मैगजीन के जरिये शेयर किया करते थे। उसी तरह आज के आधुनिक युग में लोग इंटरनेट पर लिखना पसंद करते हैं और उसे शेयर करते हैं इसी को Blog कहा जाता है। Blog में किसी भी विषय के बारे में लिखा जा सकता है। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी बहुत सी Blog किसी खास विषय से संबंधित होते हैं और उस विषय से जुड़े समाचार और जानकारी या विचारउपलब्ध कराते हैं जैसे टेक्नोलॉजी से जुड़े Blog होते हैं, जिनमें नए और पुराने टेक्नोलॉजी की जानकारी दी जाती है। ब्लॉग लिखने वाले को Blogger कहते हैं। और जो काम Blog पर होता है उसे Blogging कहते हैं।

Blogging क्या होता है?

Blog बनाकर उस पर हर दिन पोस्ट लिखना, उसे पब्लिश करना और अपने Blog को अच्छी तरह से डिजाइन करना, इन सभी गतिविधियों को Blog कहते हैं इसे बनाने वाले व्यक्ति को समय-समय पर अपने विचारों को पोस्ट करते रहना होता है। हर दिन Blog में पोस्ट लिखना,अपने Blog को डिजाइन करना, पोस्ट पर आए कोई कमेंट का जवाब देना, इसी तरह एक Blog को चलाने के लिए Blogger जो कुछ भी करता है उसे हम आम शब्दों में Blogging कहते हैं। इसके जरिए ऑनलाइन पैसे भी कमाए जा सकते हैं। Blogging किसी भी विषय पर किया जा सकता है जैसे स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, टेक्नोलॉजी, साइंस आदि।

  • Blogging को दो कैटेगरी में बाँटा गया है।
  1. पर्सनल Blogging
  2. प्रोफेशनल Blogging

पर्सनल Blogging

  • पर्सनल Blogging को हॉबी या शौखिया या Blogging भी कहा जाता है।
  • ये वह Bloggers होते हैं जिनके पास कुछ कहानी, घटना, सत्य कथा या कोई तजुर्बा होता है जिन्हें वह सबके साथ साझा करते हैं।
  • यह कहानी या तजुर्बा उनके निजी जीवन के ऊपर भी हो सकता है या फिर किसी और के बारे में भी हो सकता है।
  • ऐसा Blog अक्सर सेलिब्रिटी और मसहूर लोग ही बनाते हैं ताकि वह उसके जरिए अपनी बातें आम लोगों तक पहुंचा सके।
  • इन्हें Blogging से पैसे कमाने का नहीं होता। यह तो बस एक शौख के तौर पर Blogging करते हैं।
  • पर्सनल Blog सेलिब्रिटी के द्वारा लिखा जाता है।
  • इसीलिए आम लोग भी ऐसे Blog को पढ़ना पसंद करते हैं ताकि वह अपने कलाकार को करीब से जान सके।

प्रोफेशनल Blogging

  • प्रोफेशनल Blogging वह Bloggers करते हैं जो Blogging को अपने प्रोफेशन या बिजनेस समझते हैं
  • इनसे वह इतना पैसा कमा लेते हैं कि जिनसे वह अपनी जरूरत है और सपने पूरा कर सके।
  • यह Blogging एक तरह का बिजनेस ही होता है
  • जिसमें बेहतर प्लानिंग, स्ट्रेटजी, मेहनत और समय सब कुछ लगाकर काम करना होता है। तभी मेहनत का फल मिलता है।
  • प्रोफेशनल Blogger बहुत से तरीको से Blog को मोनेटाइज कराके पैसे कमा लेते हैं। जैसे
  1. Google AdSense
  2. एडवरटाइजिंग,
  3. मेंबरशिप वेबसाइट,
  4. एफिलिएट लिंक्स,
  5. डोनेशंस,
  6. इबुक्स और ऑनलाइन कोर्सेज इत्यादि।

इनमें से Google AdSense पैसा कमाने के सबसे प्रभावशाली जरिया है।

एक प्रोफेशनल Blogger एक पर्सनल Blogger से बिल्कुल अलग होता है। अगर आपको लिखने का शौक है तो आप आसानी से Blogging का रास्ता चुन सकते हैं पर अगर आपको Blogging के जरिए अच्छा पैसा कमाना है तो आपको उसके लिए बेहतर प्लान, लगन, मेहनत और धैर्य की जरूरत है। Blogging करना इतना आसान नहीं है और अगर आप सोच रहे हैं कि आज आपने Blogging करना शुरू कर दिया है और कल से ही पैसे शुरू हो जाएंगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। उसके लिए आपको मेहनत और सबसे ज्यादा धैर्य की जरूरत है

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  •  2021 में Graphic Designer कैसे बने?
  • YouTube Marketing क्या होता है?
  •  Affiliate Marketing क्या है? Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाए?

Blogger Kaise Bane?

Blogger Kaise Bane?
Blogger Kaise Bane?
  • ब्लॉगर एक व्यक्ति होता है जो समय समय पर एक Blog में पोस्ट लिखता है।
  • Blogger बनने के लिए किसी भी विशेष योग्यता की जरूरत नहीं होती।
  • इसे कोई भी किसी भी वर्ग का व्यक्ति समय निकालकर कर सकता है। जैसे स्टूडेंट, हाउसवाइफ, जॉब करने वाला व्यक्ति, व्यापारी, युवा, बुजुर्ग आदि। हर वो व्यक्ति Blogging कर सकता है जिसके पास लिखने के लिए कुछ है और जिसे लिखना पसंद है बस उसे इंटरनेट और Blogging के बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए।
  • इसके अलावा आपको खुद से यह पूछना होगा कि आप किस विषय में माहिर है
  • जिस पर आप ज्यादा से ज्यादा आर्टिकल या पोस्ट लिख सकते हैं
  • क्योंकि Blog बनाने से पहले हमें एक विषय चुनना होता है जिसे Niche कहा जाता है
  • और फिर उससे संबंधित जानकारीयां लिखकर पोस्ट करनी होती है।

इसीलिए सबसे पहले आपको यह सोचना होगा कि आपको किस विषय पर दूसरों से बेहतर और मजेदार लिख सकते हैं इस दुनिया में लाखों Blogs है और ऐसे कई सारे विषय हैं जिन पर रोजाना कुछ ना कुछ लिखा जा सकता है। जैसे फैशन, फूड, फिटनेस, न्यूज़, लाइव स्टाइल, मूवी, गेमिंग, फाइनेंस, पॉलिटिक्स, बिजनेस,एजुकेशन, गैजेट्स, टेक्नोलॉजी आदि इनमें से कोई भी विषय या इनसे अलग तरह का विषय कुछ भी हो, वो बस आपका मनपसंद विषय होना चाहिए जिस पर आप बिना थके लिख सकते है

आप अपने Blog पर एक से अधिक विषय पर आर्टिकल लिख सकते हैं। Blogging करके पैसा कमाने के लिए Blog पर अच्छी ट्रैफिक की जरूरत पड़ती है जिसके लिए एक Blogger को काफी मेहनत करनी पड़ती है और ट्रैफिक अच्छी हो इसके लिए अच्छे-अच्छे कंटेंट लिखने होते हैं। एक Blogger को अपने Blog को सफलतापूर्वक चलाने के लिए सिर्फ आर्टिकल लिखना नहीं होता बल्कि और भी कई सारे काम करने होते हैं। जैसे:-
Blogger Kaise Bane?
  • Blog के लिए योजना बनाना और लक्ष्य निर्धारित करना कि कौन कौन से विषय कवर करने और हफ्ते में कितनी बार आर्टिकल को पोस्ट करने हैं।
  • आर्टिकल लिखने के लिए रिसर्च करना होता है।
  • टॉपिक से जुड़े कीवर्ड्स ढूंढने होते हैं।
  • ब्लॉग पोस्ट के लिए सही इमेज को चुनना होता है।
  • समय पर Blog के डिजाइन को बदलना पड़ता है।
  • साइट की स्पीड और अन्य समस्याओं को ठीक करना होता है।
  • Blog पोस्ट को अलग-अलग सोशल मीडिया पर शेयर करना होता है।
  • कमेंट का जवाब देना होता है।
  • अन्य Bloggers के साथ संबंध स्थापित करना और एक दूसरे को सपोर्ट करना।
  • अपने दर्शकों के साथ संपर्क में रहना, यह सारा काम करना होता है।
अगर आप यह सब काम करने में काबिल है और अपना कीमती समय Blog पर लगाना चाहते हैं तो आप Blogger जरूर बन सकते हैं। Blog एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए एक व्यक्ति अपने विचार अपनी सोच अपनी राय अपने ज्ञान को लोगों के सामने रख सकता है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर रोज नई-नई चीजें लिखनी पड़ती है और यूजर्स को हमेशा नए-नए चीजें सीखने को मिलती है।

दोस्तों आशा है कि इस पोस्ट से Blogger Kaise Bane? और यह Blogging में क्या-क्या करना होता है? इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको मिल गई होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि हमारी पोस्ट के जरिए आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना ना पड़े। इस पोस्ट से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में जरूर बता सकते हैं ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सके और अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो आप इसे शेयर जरूर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह जानकारी पहुंच सके।

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Vocational Course क्या होता है?

28/04/2021 by kaisehoga 1 Comment

 Vocational Course क्या होता है?
Vocational कोर्स क्या होता है?

आज Vocational Course की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है ऐसे में स्टूडेंट्स के मन में यह सवाल आता है कि Vocational Course क्या होता है? या Vocational एजुकेशन क्या है ? और यह ट्रेडिशनल कोर्सेज से किस तरह अलग है। तो आज हम बात करेंगे  Vocational Course क्या होता है? और यह भी जानेंगे कि कौन-कौन से Vocational कोर्सेज आप कर सकते हैं?

Vocational एजुकेशन और ट्रेनिंग एक जॉब ओरिएंटेड टेक्निकल ट्रेनिंग कोर्स है जिसके जरिए स्टूडेंट्स स्पेसिफिक करियर अपॉर्चुनिटी को चूज करते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आप किसी पार्टिकुलर फील्ड में इंटरेस्टेड हो, आपकी दिलचस्पी है और उससे जुड़े स्किल्स सीख कर आप उस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहे तो आप उस फील्ड से रिलेटेड Vocational Courses कर सकते हैं। इस तरह के कोर्स में ट्रेनिंग इंस्ट्रक्शन और क्लास इंक्लूड होती है। और इस कोर्स को करने के बाद आपको सर्टिफिकेट और डिप्लोमा मिलता है। Vocational Courses को व्‍यवसाय-विषयक और टेक्निकल कोर्स भी कहते हैं।

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Vocational कोर्स क्या होता है?

Vocational Course ट्रेडिशनल कोर्स से किस तरीके से अलग है।

  • B.A B.COM B.Sc. और इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज ट्रेडिशनल कोर्सेज की कैटेगरी में आते हैं
  • ऐसे स्कोर्स में से ज्यादातर क्लासरूम टीचिंग मॉडल को ज्यादा फॉलो करते हैं।
  • इस तरह के कोर्स में स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट नॉलेज थ्योरी और केस स्टडीज के रूप में दी जाती है।
  • प्रैक्टिकल नॉलेज उन्हें केवल इंटर्नशिप के दौरान ही मिल पाते हैं।
  • इंटर्नशिप में मिले प्रैक्टिकल नॉलेज कई बार स्टूडेंट्स को कंफ्यूज भी कर देती है क्योंकि वह उनकी थ्योरीटिकल नॉलेज से मैच नहीं करते।
  • इसके विपरीत Vocational कोर्स में  स्पेसिफिक फील्ड की ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि उसमें प्रैक्टिकल स्किल्स को डेवलप कर सके।
  • इस तरह के कोर्स में स्टूडेंट्स को ऑनसाइड एक्सपीरियंस मिलता है और क्लास रूम लेक्चर कम होते हैं।
  • ये कोर्सेज इस तरह से डिजाइन किए गए होते हैं कि जब स्टूडेंट्स ग्रेजुएट हो जाए तो वह जॉब के लिए पूरी तरीके से तैयार रहे।
  • जिससे जॉब मिलने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है
  • ट्रेडिशनल कोर्स की ड्यूरेशन ज्यादा होती है। जबकि वोकेशनल कोर्सेज की ड्यूरेशन कम होती है।
  • इस तरह के ज्यादातर कोर्स में हाईस्कूल पास होना जरूरी होता है और इंग्लिश और maths की बेसिक नॉलेज जरूरी समझी जाती है।
  • कुछ फोर्सेज ऐसे भी होते हैं जिन्हें 10th क्लास से कम पढ़े लिखे लोग भी कर सकते हैं।

इतने अंतर के बाद भी ज्यादातर स्टूडेंट्स ट्रेडिशनल कोर्सेज को ही ज्यादा वैल्यू देते हैं क्योंकि यह ज्यादातर लोग यही समझते है कि इन ट्रेडिशनल कोर्स को करने से अच्छे जॉब मिलेगी क्योंकि यह कोर्स डिग्री प्रोवाइड करती हैं, जबकि वोकेशनल कोर्स डिप्लोमा ऑफर करता है। इसी डिफरेंस की वजह से Vocational कोर्सेज का बहुत अच्छा स्कोप होने के बावजूद भी उन्हें इतनी इंपॉर्टेंस नहीं मिल पाई।

Vocational कोर्स क्या होता है?

Vocational Course करने के फायदे :-

  • इस कोर्स कर कंप्लीट करते ही स्टूडेंट जॉब के लिए तैयार हो जाता है।
  • ये कोर्स आपको ट्रेडिशनल नॉलेज के साथ Vocational स्किल्स भी प्रोवाइड करवाता हैं।
  • इस कोर्स का मेन फोकस स्पेशलाइज्ड नॉलेज पर ही होता है।
  • इस कोर्स में दी जाने वाली ट्रेनिंग उस इंडस्ट्री के रियल्टी से मैच करती है।
  • ये कोर्स स्टूडेंट्स को Global मार्केट में चलने वाले ट्रेंड्स के प्रति जागरूक बनाता है।
  • इन कोर्स की ड्यूरेशन कम होने के साथ-साथ इसकी फीस भी कम होती है
  • और यह कोर्सेज उस Industry की जरुरत के अनुसार डिजाइन होते हैं।

और इतना ही नहीं इन कोर्सेज को ऑनलाइन भी किया जा सकता है आप हेल्थकेयर, वेब डिजाइनिंग, ग्राफिक, फूड टेक्नोलॉजी, कॉस्मेटोलॉजी में ये कोर्स कर सकते हैं। इनके अलावा वोकेशनल कोर्स में आपको टेक्निकल वर्क जैसे आटोमोटिव रिपेयर, प्लंबिंग और एयर कंडीशनिंग जैसे ऑप्शन भी मिल जाएंगे।

इन Vocational कोर्सेज में डिप्लोमा लिया जा सकता हैं।

  1. टेलीकम्युनिकेशन
  2. कंप्यूटर साइंस
  3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  4. इवेंट मैनेजमेंट
  5. कैटरिंग मैनेजमेंट
  6. और फूड प्रिजर्वेशन।

और इन तरह के Vocational कोर्सेज में आप सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं।

  1. हाउसकीपिंग
  2. हेयर डिजाइनिंग
  3. ब्यूटी कल्चर
  4. ऑफिस मैनेजमेंट
  5. क्लीनिकल न्यूट्रीशन
  6. और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन

तो आइए ऐसे कुछ Vocational कोर्सेज के बारे में जानते हैं जो सबसे ज्यादा डिमांड में रहते हैं

  • फॉरेंसिक साइंटिस्ट :-

फॉरेंसिक साइंटिस्ट मेनली डिस्प्यूट्स को सॉल्व करती हैं।और इस कोर्स को करने के बाद आपको गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर के फॉरेंसिक लैब में जॉब मिल सकती है।

  • टेलीकम्युनिकेशन :-

आजकल क्वालिफाइड और स्किल्ड टेक्नीशियन की बहुत ज्यादा डिमांड रहती है। इस कोर्स को करने के बाद टेस्टिंग इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डिजाइन डेवलपमेंट, मार्केटिंग और रिसर्च जैसे बहुत से एरिया में जॉब पा सकते हैं क्योंकि टेलीकम्युनिकेशन बहुत से मेजर सेक्टर में पहुंच रखता है।

  • ऑडियो इंजीनियरिंग :-

ऑडियो इंजीनियरिंग की बात करें तो इस कोर्स में आप इक्यूप्मेंट्स को ऑपरेट करना और ऑडियो ट्रेक्स को रिकॉर्ड करना सीख जाएंगे जिसके बाद आपको रिकॉर्डिंग स्टूडियो और मीडिया हाउस में जॉब मिल सकती है।

  • फोटोग्राफी :-

Vocational कोर्स क्या होता है?

फोटोग्राफी की बात करें तो फोटोग्राफी एक पॉपुलर कोर्स है जिसमें बहुत सारे ऑप्शन मिलते हैं जैसे वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी, प्रोडक्ट फोटोग्राफी, इवेंट पोर्ट्रेट और बहुत सारे फोटोग्राफी एरिया अपने इंटरेस्ट के अनुसार कोर्स करने के बाद आपको प्रोफेशनल फोटोग्राफर की तौर पर आप मीडिया इंडस्ट्री में भी जॉब पा सकते हैं और फ्रीलांस प्रोजेक्ट पर भी कर सकते हैं।

  • फॉरेन लैंग्वेज :-

फॉरेन क्लाइंट के साथ कम्यूनिकेट करने और बिजनेस को स्मूथली चलाने के लिए आजकल लैंग्वेज एक्सपर्ट की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में ये कोर्स करके लैंग्वेज ट्रांसलेटर, इंटरप्रेटर जैसे फॉरेन लैंग्वेज रिलेटेड जॉब भी पा सकते हैं।

  • गेम डिजाइनर :-

गेम डिजाइनर की बात करे तो यह कोर्स करके आप वीडियो गेम भी डिजाइन कर सकते हैं और इस एरिया में आसानी से जॉब पा सकते हैं।

  • इवेंट मैनेजमेंट :-

इवेंट मैनेजमेंट की बात करें तोआज के समय की मोस्ट प्रोमिसिंग इंडस्ट्री में से एक है और  इस कोर्स को करके आपको बहुत से जॉब्स ऑप्शंस काफी से आसानी से मिल जाएंगे।

तो अब आपको Vocational Course क्या होता है? के बारे में जानकारी मिल गई होगी और आप इन कोर्सेज के इंपोर्टेंस को भी समझ गए होंगे। साथ ही आपको यह भी पता चला होगा कि भले ही यह कोर्स जॉब ओरिएंटेड होते हैं लेकिन फिर भी ट्रेडिशनल कोर्सेज से पीछे ही रहते है। हालांकि बीते कुछ टाइम में इन कोर्सेज को थोड़ी ज्यादा इंपोर्टेंस मिलने लगी है और अगर यह कोर्स करने के साथ-साथ आपने उस एरिया की एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्किल्स भी हो तो आपका यह कोर्स आपको बहुत आगे पंहुचा सकता है इसलिए Vocational Course करते टाइम भी उसी फील्ड को चूज कर सकते है जिसमे आपका इंटरेस्ट हो या आप कुछ नया सीखना चाहते हो और आप उसके लिए बहुत ही क्यूरियस रहते हो।

आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट करके आप बता सकते है और अगर आपके पास भी कोई ऐसी जानकारी है तो आप उसे हमसे साझा कर सकते है

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