Data चाहे किसी भी तरह का हो Data की जरूरत सबको होती है खास बात यह है कि हर बिजनेस के हिसाब से Data उपलब्ध भी होता है। लेकिन सवाल यह है कि Data Kya Hota Hai? और इसकी जरुरत क्यों पड़ती है? किसी भी बिजनेस के लिए यह इतना इंपॉर्टेंट क्यों होता है इस सवाल का जवाब आपको इस पोस्ट में जरूर मिलेगा इसलिए आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें और Data से जरूर सारी बातें जान ले।

सबसे पहले बात कर लेते हैं कि Data Kya Hota Hai? सामान्य रूप से देखें तो Data कैरेक्टर्स का एक ऐसा सेट है जो किसी मकसद के लिए कलेक्ट और ट्रांसलेट किया जाता है। Data को कलेक्ट करने के का मेन रीजन एनालिसिस करना होता है। Data में कोई भी कैरेक्टर Text Number, Picture, Sound और Video शामिल हो सकते हैं। जहा तक कंप्यूटर Data की बात करें तो यह Data ऐसी इंफॉर्मेशन होती है जो कंप्यूटर के द्वारा प्रोसेस और स्टोर की जाती है।
- यह Text और Document के फॉर्म में भी हो सकता है
- और Imeges, ऑडियो क्लिप्स, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या किसी भी और रूप में हो सकता है।
- इस Data को सीपीयू के द्वारा प्रोसेस किया जाता है
- और कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में फाइल और फोल्डर के रूप में स्टोर किया जाता है।
- कंप्यूटर स्टोरेज में Data बाइनरी डिजिट में रहता है यानी 1 और जीरो के फॉर्म में।
- Data वर्ड लेटिन वर्ड से आया है और इसका अर्थ होता है “Something Given”
- Data एक Pleural वर्ड है और Singular फॉर्म DATUM होती है।
- लेकिन अभी ये Data वर्ड इतना चलन में आ गया है कि Singular वर्ड के लिए यूज के लिए भी Data वर्ड ही इस्तेमाल किया जाता है।
तो कंप्यूटर में Data इनपुट होने से पहले Raw होता है और जब यह Raw Data को कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है तब यह Data प्रोसेस होता है तो इस तरह से Raw Data से प्रोसेस Data जब तैयार हो जाता है तब उसे इंफॉर्मेशन कहा जाता है। Data को कंप्यूटर में स्टोर करने के लिए हार्ड डिस्क का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा दूसरे स्टोरेज डिवाइस का यूज़ भी किया जाता है।’
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इंफॉर्मेशन क्लासिफाइड और और ऑर्गेनाइजड डाटा होती है जिसकी Reciever के लिए कोई वैल्यू होती है। प्रोसेस Data यानी इंफॉर्मेशन इतनी यूज़फुल हो कि उसके बेस पर डिसीजन और एक्शन लिया जा सके। इसके लिए प्रोसेस्ड Data में यह क्वालिटी होनी बहुत जरूरी है। टाइमली यानी जब इंफॉर्मेशन की जरूरत हो तो वो उपलब्ध हो सके। एक्यूरेसी यानी इंफॉर्मेशन बिलकुल एक्यूरेट हो। कंप्लीट यानी की इंफॉर्मेशन कंप्लीट हो।
Data के प्रकार :-
- Text Data इसमें अल्फाबेट्स आते हैं A to Z
- Number Data इसमें नंबर आते हैं 0 to 9
- Alphanumeric Data इसमें चिन्ह आते हैं जो किसी KeyBoard पर होते हैं जैसे कि @#$%&*! आदि
- Image Data इसमें JPEG JPG PNG फॉरमैट में तैयार की गई Images आती है
- Audio या Video Data इसमें बात करें तो MP3 MP4 और HD जैसे बहुत सारे फॉर्मेंट्स में Data रहता है।
आइए जानते हैं Data प्रोसेस क्या होती है? और Data प्रोसेसिंग साइट में के लिए कैसे काम करता है?
Data प्रोसेसिंग का मतलब लोगों या मशीन के द्वारा Data को ज्यादा यूज़फुल बनाने और किसी खास मकसद के लिए उपयोगी बनाने के लिए फिर से तैयार करना या एक सिस्टमैटिक ऑर्डर में जमाना होता है। Data प्रोसेसिंग 3 स्टेप्स में होती है। यानी इन तीनों स्टेप से मिलकर के Data साइकल पूरा होता है।
इनपुट :-
- इस स्टेप में Data को कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है।
- Data इनपुट करने से पहले उसे कलेक्ट किया जाता है।
- वेरीफाई किया जाता है और उसके बाद कंप्यूटर में इनपुट कर दिया जाता है।
- यह Data कंप्यूटर में बायनरी फॉर्म जाने की जीरो वन में स्टोर रहता है।
प्रोसेसिंग :-
- इसमें इनपुट Data को ज्यादा यूज फूल बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है।
- Data प्रोसेसिंग का काम सीपीयू करता है।
आउटपुट :-
- इस स्टेप में प्रोसेस Data इनफार्मेशन के रूप में प्राप्त होता है।
- इस आउटपुट स्टेप से इनपुट Data की तुलना में ज्यादा यूजफुल Data प्राप्त होता है
- जिसे हार्ड डिस्क में स्टोर किया जा सकता है और कभी भी वापस पढ़ा जा सकता है
Data प्रोसेसिंग की जरूरत क्यों पड़ती है?
आज के टाइम में सारा काम कंप्यूटर से होता है। ऐसे में एकेडमिक इंस्टीट्यूशनल या कमर्शल यूज के लिए प्राइवेट और पर्सनल यूज़ के लिए और साइंटिफिक रिसर्च के लिए ज्यादा से ज्यादा Data कलेक्ट किया जाता है। इस कलेक्टेड Data को स्टोर करना और Short और फिल्टर करना और उसको एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है ताकि जरूरत के अनुसार इसका बेहतर यूज किया जा सके। इसलिए Data प्रोसेसिंग बहुत ज्यादा जरूरी होता है और यह प्रोसेस सिंपल होगा या कंपलेक्स यह इस बात पर डिपेंड करता है कि किस स्केल पर Data कलेक्शन किया गया है और उससे किस प्रकार का रिजल्ट एक्सपेक्ट किया जाता है
Data मैनेजमेंट क्यों जरूरी होता है?
किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में के लिए उसका Data वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट पार्ट होता है। क्योंकि डाटा से ही इंफॉर्मेशन बनती है जो बिजनेस से जुड़े डिसीजन का आधार होती है। अगर Data एक्यूरेट, कंप्लीट और ओर्गनाइजड होता है तो यह Data उस ऑर्गेनाइजेशन की ग्रोथ में कॉन्ट्रिब्यूशन देता है। आजकल किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में डाटा कलेक्शन इतने बड़े स्तर पर होता है कि उसे मैनुअली प्रोसेस नहीं किया जा सकता। इसलिए हर कंपनी को एक स्ट्रांग Data मैनेजमेंट की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा Data मैनेजमेंट से होने वाले अगर बेनिफिट्स के बात की जाए तो कंपनी की –
- प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
- सिक्योरिटी रिस्क कम होता है
- ऑपरेशन आसानी से कंप्लीट हो जाता है।
- Data खोने के चांसेस बहुत कम रह जाते हैं
- कंपनी के फायदे से जुड़े डिसीजन लेना काफी आसान हो जाता है।
इसके अलावा Data का रेलीवेंट होना भी हर कंपनी और ऑर्गेनाइजेशन के लिए जरूरी होता है तभी कस्टमर्स के साथ बेहतर रिलेशन बन पाते हैं और कंपनी के बेनिफिट्स के लिए स्ट्रांग स्ट्रेजी बनाई जा सकती है।
अब आप समझ गए होंगे की Data Kya Hota Hai? और इसकी जरुरत क्यों पड़ती है? अगर आपका कोई और सुझाव हो तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर के हमें शेयर करें और साथ ही साथ आगे किस बारे में आप जाना चाहते हैं वो भी कमेंट में भेजसकते है। हम आपको उस चीज के बारे में बताने में पूरी कोशिश करेंगे। धन्यवाद!