इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा तो बन गया है लेकिन इसके साथ ही हमारी प्राइवेसी पर भी खतरा बढ़ गया है। आए दिन कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें यूजर्स के डाटा को हैक कर लिया जाता है। अगर यूजर्स का डाटा हैकर्स के हाथ लग जाए तो इसके जरिए यूजर्स को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। आज हम आपको साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका बता रहे है

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इसमें बैंक खाते से पैसों की छोरी के साथ सोशल मीडिया अकाउंट के हैक होने का भी खतरा बना रहता है। बेहद आसान शब्दों में कहें तो हैकिंग का मतलब होता है कि आपकी अनुमति के बिना आपके पर्सनल डाटा की चोरी करना। और इस गैरकानूनी काम को अंजाम देने वाले हैकर्स कहलाते हैं जो दूर बैठे बैठे ही आपके कंप्यूटर वेबसाइट या सोशल मीडिया प्रोफाइल को हैक कर सकते हैं।
हैकिंग अच्छी भी हो सकती है और बुरी भी यानी जो हैकिंग आप की सुरक्षा में घात लगा सकती है वही आपकी सुरक्षा को मजबूत करने में इस्तेमाल होती है।
हैकर्स को भी तीन कैटेगरी में बांटा जाता है।
- ब्लैक हैट हैकर
- व्हाइट हैट हैकर्स और
- ग्रे हैट हैकर्स
साइबर ठगी से बचने का आसान तरीका
चलिए हम आपको इन तीनों के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।
1. ब्लैक हैट हैकर।
ऐसे हैं कर्ज गलत इरादों से किसी के कंप्यूटर वेबसाइट या सोशल मीडिया प्रोफाइल को हैक करते हैं। ब्लैक हैट हैकर चोरी किए गए डाटा का गलत इस्तेमाल करके संबंधित शख्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह की हैकिंग में हैकर डाटा को चोरी करके फिरौती मांग सकते हैं या फिर डेटा को कॉपी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. ग्रे हैट हैकर।
ऐसे हैकर जिनका इरादा भले ही गलत ना हो लेकिन यह आपके अनुमति के बिना ही आपके कंप्यूटर और प्रोफाइल को हैक करते हैं। इसीलिए इन्हें ग्रे हैट हैकर कहते हैं ऐसा करने के पीछे उनका मकसद प्रैक्टिस करना होता है ताकि वह जान सके कि किसी सिस्टम को हैक करना उन्हें आ गया है या नहीं, लेकिन इस तरीके को लीगल नहीं माना गया है। इसीलिए ग्रे हैकिंग को भी लीगल नहीं माना जाता।
3. व्हाइट हैट हैकर।
व्हाइट हैट हैकर को एथिकल हैकर भी कहा जाता है क्योंकि ऐसे है कर्ज को हैकिंग करने से पहले बकायदा परमिशन लेते हैं और बहुत से जरूरी विभागों में बतौर एथिकल हैकर नौकरी का करते हैं। ऐसे है कर्ज पुलिस, सीबीआई और आईबी के अलावा आईटी कंपनियों में काम करते हैं। यह लोग सिक्योरिटी को बनाए रखने में उस संस्था के मदद करते हैं।
चलिए यह तो हमने है कर्ज के ऊपर पूरी जानकारी दी। अब यह जानना भी जरूरी है कि साइबर फ्रॉड या फ्रॉड होने से खुद को या अपने गैजेट्स को कैसे बचाया जा सकता है।
- किसी को अपना ओटीपी या पासवर्ड बिल्कुल ना बताएं।
- अपने किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का पासवर्ड स्ट्रांग रखें।
- पासवर्ड में स्पेशल करैक्टर जैसे $ @ # , ! है।
- छोटे और बड़े कैरेक्टर का प्रयोग करें और साथ ही नंबर का भी प्रयोग करें।
- न्यूनतम 10-character का पासवर्ड जरूर रखें।
- सभी प्लेटफार्म पर पासवर्ड अलग रखें और उन्हें अपने मोबाइल में या क्लाउड पर किसी सिंगल फाइल में सेव कभी ना करें।
- अगर आपके पास किसी भी प्रकार का अनजान मेल आए तो 2 एड्रेस जरूर वेरीफाई करें।
- ऑफर डिस्काउंट या स्कीम को ओपन करने से पहले उनका यूआरएल चेक चेक करें।
- कि किसी दूसरे का मोबाइल या लैपटॉप में यूज़ करते वक्त इनकॉग्निटो विंडो में इंटरनेट का इस्तेमाल करें।और इस्तेमाल होने के बाद लॉग आउट करें।
- इसके अलावा विंडो को बंद करना ना भूले
- अपने लैपटॉप में भी बैंकिंग और शॉपिंग से जुड़े वेबसाइट को इनकॉग्निटो विंडो में ही ओपन करें।
- किसी भी फाइनेंसियल या उससे जुड़ी वेबसाइट का पासवर्ड ब्राउज़र में सेव ना करें।
- ऐसी छोटी-छोटी मगर बेहद महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें, जिससे आप संगठन की ओर है। कैसे बच सकते हैं?